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________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ४६ - - - - - - - - तर औरभोजन मेंगेंहूसे कमतर जनाव काकोला हैकेईश्वरने गेंद जोपदाकीहै सोपिनमेंमादिल सौरवायपेदाकरनेवालाहै औरजोका घाटगरमी केज्वरकीदवासौरभोजन भीहे ओरगरमीकेज्वर कोविशेषशुदायकहै औरएकजौतथा किसीपुर नासिववस्तकेसंगयाकोपतलोरलेपकरैतोसूज नपटकजाय औरगरमीकीमस्तकपीडाको दूरकरैहै| थती अर्थातफारसी में गिलोरहिंदीमा टीहैदूसरेदरजामें सर्दशौरखुश्कहैजनवकाकोल केहरमुसलमानकोमाटीर्वनाहरामेंहै सोरदवाई पानाहलालहैमाटीकाविजौरवूनवहनेकोबंद करैयाकीलागयुलावजलहैमोरजोमांटीगरम करके जनपरलगाबैतोजलन दूरहोपमोरघुवादकोरोके है प्रथभरलासनिफारसी मेंशहतीरभंगवी, नौरमदभौषीदूसरेदरजामेंगरमौरसरहैजनावर्क कोलहैकेपीनेकीवस्तों में सबसे उत्तमशहत है याकी वडाई में ौरवानेभी हैं सबसे उन्नमशहतलालरंगपी|| लाईलीयेंनगाहापौरनपतलामाफिककासुगंधित और मीठाभोरवाकोनिकलेदोवर्षसे विशेषनभ येहोयसौरहरातथाकालातयाकडचासथवाषा और पुराना होयवहसवसेखुराहोताहैऔरकफर सौरतूवतका निकालनेवाला-ौरसाफकरनेवा लानौरमस्तक मवादकोनिकालेओरछातीको साफ़ करे औरघावोंकोभरलावैतथाताकनकोष डावे-औरदवाईयोंकेवलकारक्षक है औरनेत्रों - - - - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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