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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १७ - - - - - नारछटोंकालोंगतोलोइलायचीछोटीरतोले।। अर्ककीकियासे ३सेर चर्कचेअकीजोपस नकरैच्योर दिल चोरमस्तक कोताकतदेविधि गगाजरकोग्दो कीलू मेंपेल केनस्को९५सेररसा निकाल के।किशभिशाचाहरेगुठलीनिकालकर करसेरलेकेअर्ककीकियासेन्सर्कचेनकी गुडहल जोताकतदे और मस्त करै चोरघसन्ना करेंगनिधि॥गुडहल के फूल ताजा सवजी और जीरादूरकरके सवासेराकिशमिशभाधसेरादाला चीनीर छटोंकासालिवभित्री तोलेलेके चर्कघेचे|| गपर्ककपूर जोगरमीकेज्वरमौरविषमज्वर कोगुएगदायक है विधिगयोधनियोंगावजुवा केफूलागावजुवाकेपन्नाादोंनोंचंदनाकासनीकेवी|| जाधीरा ककडीके वीजाकादके वीजा कुलफाकेवी जावनफशा केपनानीलोफरेकैफूलागलाबकेफू लाएकर टाक पावकडूकाटकोपोडेडपावाक पूररछ कलेके अर्कचर्किदूधकोजो। पिनचर-चोरवातज्वर चौरविषमज्वरकोगुणकरै ॥विधिागावजुवाकेपन्ना। वनफशा के पहा नीलो करके फूलानाधरपावामुपेद चंदनपछटॉक मेर गायको दूधमिलाकेधर्कचे॥ एफसल नभै वी॥ उजूनप्रतियोगीनासौरागीनाउसे कहते हैं। अस्मैपरंदकाचंडामिलाहो औरवाने में श्रावैION जा किइन्द्री केवलकी विशेषता और स्त्रीसंगमेंध For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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