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दादालचीनी खुरासानीब्रजमायनालगाचार तोलो२०सेरपानी मिलाकेबदस्तूरवनावैगहरफ लण्या
फसलतेतीसवी॥ रोगनों में जो लगाने सेमस्तक के रोग औरपी डाकोगुणकारोगनाकोकववि मस्तका की पीडाओरनिट्रानाशक कीजोंगरमी श्रीरखुर श्कीसेउसकोदूरकरेगविधिकाइके पत्तों का रसभागासुदतिलको तेलएकरभागनिला केपकावैजवरसअलजाय तव तेलकोठंडाकरके ललाट औरमस्तककै लग्याकरोगनक ह। इसकेलगाने सेप्तस्तक पीडागरमीकीची खुश्की नाककी-मोरनेत्रों कीजलनकोदरक रहै। विधिलंबी धीयाछिलका गूदे और। वीजों सहित कुचलकेउस्का रस निचोडलैनो रउस्केचौथाईभागका सुपेद तिलीकानेलमि लाके थकावै और रसजलजाने पीछेतेलकोका ममैलावै अथवा॥ मोठेवादामको तेलश्री रधीपागकातेलभीयही गुणरषताहै।रोग नसीमावा अर्थात् पारेको तेल पक्षाघात भी रकपनवायोरसवरेसीत विकारौकोदूरक रहे।विधिगपाधतूरे के वीजराकरतौले
और काले तिलोंकातेल होतोले।लेकेपहले तिलको खूबगरम करेजोलालूहोभाय तव डाकरकेधनरके बीजों कोमहीन पीसके और
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