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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १०२ - - - मिलाके चूरन करै-श्रीरजितनाचिनजाने मतना पिलावै॥ फसलबनीसवी। दरवहरहादाबहरहघोएवारकफवा तमोरशीत के रोगों को और कल जाऔरजलंध रकेरोगों को दूर करैऔरना लावै॥विधिागुड सेर १०चंबूरके पेड कोभीतरको चक्कल रात्री रवेरकेपेड कोभीतर कोवकलसेरपचारपाई। कोग्दोपावाभामरेपासेरानेत्र वाला नजा उस्तुरबुस विल्लीलोटनादालचीनी।सोफाईलमा छडाचीवचीनी नागकेसररासीतलचीनी रखुए सानीजमाता पाँचरतोलानीवूके ताजापन्नाान रंगीके ताजापनाकैरतोले औरमनंभरपानीडाल केपर केलिषेकी नरहे वनालेयपदरबहरहव सादरणकामदेव को धवल करें पोरनशालावै। -औरशीत केरोगों को और पावकीनगलीयोंके जो डकैदर्द को औरगठियावाय कोदर करैहै विधि गुड सेर५भिलाये जो कुट करके पावसैराकाली हर्डीजवाहर्डीकालीमिचीपीपरापीपरा मूलाधाय कैफूलाहालोंके वीजादालचीनी,रतोले पानी २०रमिलावेदस्तूरकेमाफिक वनालेशदरवर। ह-अंजीरशकामदेव कोषवल करे औरनशालावैयो रिपथरीऔरतिल्लीकीसूजन को पचावैऔरपेटफूल जाने को दूर करेह गविधि।गुडीरापीलीयजीर |पावसेरामुनक्का लोहेकोमेलाजमायनाअजमो - - - - - - - - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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