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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १०४ - - - - - irmw - -- पारोमिलाके खूव घोटके कामलावरोगा। नकुस्ताश्चर्थातूकूटका तेलपक्षाघातकोत्री रलकुवाकोदूरकर ओरसीत केविकारकोदूरको रहाविधिकइला कटानकछिकनी। चीतो। करकाशा मासेोपीपररावालछडाकोयला कीजडातजाडीलाानावाहल्दीलोंगा! जमायना-जमोदातगरासोंठानरकचूराकुमा दरूगोंदामस्तंगीतीनरमाशावावूनाकेफूलती। लेभर कडववादामकी भीगीरतोलामंडीके। चीयोंकीमीगी।तोलासवकोजौकुटकरके डेटपावपानीपहरमिजीके फिरनीटावेज वाधारहैतवमलकेलानलैनोरकडवे औरमीदोनों लोकोपोनपोनपाव भिलाके फिरोगवेजवपानीजलनाय-श्रीरतलमान रहिजायनकाम सावैशेगनलुखवावा दोके तनजानेको ओरवावलेपनको प्रारजी निद्रानाबमाकोदूरकरैलानेधाने नाकमेंट पकानेसेविधि।फंदककी गिरी पिस्तामी बादामाकी भीगीसपेद तिलाचिलगोजाकी मीगी। मीठे धीयाकैवीजनकीभीगीरबरोट कीभीगीसवबावरलेकेवाझमरोगनकीवरNI हलेयारकरलेवारोगुनवलाद अर्थात। लिलायकैनेल जीसागवातपकी औरचर धांगवान-और लकवासथवाभीर रोगोंकोदूर करें औरपचावह।।विधिजटामांसी जायफ - । RICS For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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