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THE FIVE SKANDHAS, TWELVE AYATANAS, AND
EIGHTEEN DHÂTUS, COLLECTED FROM THE FIRST CHAPTER OF THE ABHIDHARMAKOSA.
- 5 EU Sect. 22
-रूप 3-1-5 इंद्रिय -- चास श्रोत्र प्राण जिहा काय विषय--रूप2
वर्णरूप (4-नील पीत लोहित अवदात
संस्थानरूप | 8-दीर्घ हूख वृन्न परिमंडल उन्नत सवनत Sect. Sect.
सात विसात 34
1 or 20, adding छाया आतप सालोक अंधकार
अभ्र धूम रजस् महिका or 21, adding नभस् (Vyakhya, fol. I9b,
नभश्चकवर्णमिति) -शब्द 8-(शब्दः) अनुपातमहाभूतहेतुकः सस्वाख्योऽसत्वाख्यो मनोज्ञाम
Cf. Sect. नोज्ञश्च । उपान्नमहाभूतहेतुकः सश्वाख्योऽसवाख्यो मनोज्ञा___35 मनोज्ञथ ॥
(सत्वाख्यो शब्दः is the sound caused by speech,
hands, &c. असचाख्यो शब्द: is the sound caused by winds,
forests, rivers, &c.) -गंध 4-सुगंध दुर्गध समगंध विषमगंध
Sect. 37 - रस 6-तिक्त अम्ल लवण कटुक मधुर कपाय
Sect. 36 I.---स्पर्श 11-पृथी अप तेजस् वायु लघुत्व गुरुत्व अक्षणत्व कर्कशत्व जि
Sects, यत्सा पिपासा शीत
38,39 -2 अविज्ञप्ति-विज्ञप्तिसमाधिसंभूतं कुशलाकुशलं रूपं (Vyakhya, fol. 25a, 1.2) -वेदना 3. Sect. 27 -संज्ञा Sect. 28 -संस्कारा: 58, i.e. 1-44 चैनधर्म (here वेदना and संज्ञा are excluded)।
See the other table. Sects. 31, 32 -14 चिनविप्रयुक्तसंस्काराः |-विज्ञान 6-चक्षुर्विज्ञान श्रोत्र घ्राण जिहा काय मनस -12 आयतन (चक्षुःश्रोत्रघ्राणजिहाकायमनआयतनानि Sect. 24 1 रूपशब्दगंधरसस्पर्शधीयतनानि
(चक्षुःश्रोत्रघ्राणजिहाकायमनोधातवः -18 धातु
रूपशब्दगंधरसस्पर्शधर्मधातवः c. 25 (चक्षुर्विज्ञान--मनोविज्ञानधातवः
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