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तत्त्व-समुच्चय
आयावयन्ति गिम्हेसु हेमन्तेसु अवाउडा । वासासु पडिसंलोण। संजया सुसमाहिया ॥ १२ ॥ परीसह-रिऊ दन्ता धुयमोहा जिइन्दिया । सव्वदुक्खप्पहीणट्ठा पक्कमन्ति महसिणो ॥ १३ ॥ दुक्कराई करेत्ताणं दुस्सहाई सहेत्तु य । के एत्थ देवलोगेसु केई सिझन्ति नीरया ॥ १४ ॥ खवित्ता पुव्व-कम्माई संजमेण तवेण य । सिद्धि-मग्गमणुप्पत्ता ताइणो परिनिव्वुडा ॥ १५ ॥
[दशवैकालिक सूत्र-३]
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