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प्रचला (पयला) - दर्शनावरण कर्म का भेद १० -५ प्रचलाप्रचला (पयलापयला) - दर्शनावरण कर्म का भेद १०-५ प्रज्ञा-परीषह ८-४०,४१ प्रज्ञापनी (पण्णवणी) - असत्यमृषा भाषा का भेद १२-१८ प्रणय (पणय) - प्रमाद भेद ११-१६ प्रतिक्रमण (पडिक्कमण) - चौथा आवश्यक ५-२७ प्रतिशत्रु (पडिसत्तू ) - प्रतिनारायण, ६३ शलाका पुरुष में से नौ १-५४ प्रतिश्रुति - पहले कुलकर व मनु १-४३, पृ. ७ टिप्पणी प्रतिस्थापना (पडिठावणिय) - समिति ५-१६ । प्रतीत्य (पडुअ) - सत्यवचन का एक भेद १२-१५ प्रत्यक्ष (पच्चक्ख)- ज्ञान ९-५ प्रत्याख्यान (पच्चरखाग) - पांचवां आवश्यक ५-२२ प्रत्याख्यानी (पच्चक्खाणी) - असत्यमृषा भाषा का भेद १२-१८ प्रदेश (पदेस)- द्रव्यों में संख्या ९-१९ प्रदेशबंध (पदेस)- कर्मबन्ध का एक भेद ९--२६ प्रदेशाग्र (पयेसग्ग)- कर्मों का द्रव्य-परिमाण १०-१७ प्रभावना (पहावणा) - सम्यक्त्व का आठवां अंग ३-५ प्रमत्त विरत (पमत) - छठा गुणस्थान ११-२ प्रमाण (पमाण) - द्रव्य प्रकाशन हेतु १४-१ प्रमाण विषय (पमाण विसय)- द्रव्यों की सत्ता १४-३ प्रमाद (पमाउ) - हिंसा का कारण २-७
(पमाद)- १५ प्रकार का ९-२३ प्रवचन (पवयण) - उपदेश १२-६० प्रसेनजित - १३ वें कुलकर व मनु, पृष्ठ ७ टि. प्रहरण (पहरण)- ७.३ प्रतिनारायण १-५४ प्राण (पाण) - जीवके लक्षण ९-३ प्रानत (पाणद)- १० वां स्वर्ग १-२०
- १४ वां स्वर्ग १-२२ प्राणातिपात-विरति (पाणाइपायविरइ) - व्रत प्रतिमा का अंग ३-१२ प्रियकारिणी (पियकारिणी) - २४ वें तीर्थंकर वर्धमान की माता १-५७ मोषध (पोसह) - चौथी प्रतिमा ३-२ प्रोषधविधान (पोसह विहाण) चौथी प्रतिमा ३-२३
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