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तंडुल गोकुरुवंदावनबट्टाणुपुरजंघा, समुग्गनिमग्गगढ जाएग, गयसुडादंडसुजाय सविनोरू, वरना- अप्रैः
a रणमनतुल्लविक्कमविलामगई, सुजाय वरतुरयगूढदेमा, आन्नदयनिरुवलेवा, पमुश्य वरतुर ग॥४०॥ सीहअरेगवट्टीय कमी, मादय मागंदममलदयगनिवारियरकणगरूसरिसवरवयर लिय
एवा, दारणी तथा कुरुविंद नामना तगविशेषनीपेठे अनुक्रमे गाळाकार ठे जंघान जमन। | एवा, मावलानीपेठ मारीन चोंटेला तथा गुप्त ने घुटगो जेनना एवा, हायानी सुंढनापेठे सारीरीने गोठवायेल सापळा जेनना हवा, नत्तम मदोन्मत हाग्रोसरखी पराक्रमवाली अने विलासयुक्त गति से जेमनी एवा, नत्तम जातिवाळा श्रेष्ठ घोडानीपट ठे गुप्त नाग जEnd | ननो एवा, आकागजातिना घोमानीपेठे ( विष्टायादिकना)लेपविनाना, रोगादिकमी र. दित एवा नत्तम घोडायो नया मिंयी पण अधिक गोळाकारवाली कटी जेननी एवा,
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