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तंडुल . नो खलु आनमो! एवं चिंतिया---एमति खलु वह ममया आलिया खसा बारापा- अः
Bणु श्रीवालवा मुहुना दिवमा अहोरत्ता पस्का माला नक प्रयाणा संग जुग्गा वासस या ॥130 वामसहस्मा वासमयसदम्मा वासकोडीन वासकोडाकोडीन, जब ग अम्द बहुई मीलाई
बयाई गुणाई नेरमगाई पचरकाणापामहोववासाई पमिस्सिामो पठविस्समा करि| समयो आयलोयो कणो श्वासोश्वालो स्ताका लवो मुहूनों दिवसो रात्रिदिवसो पतो मासो इतुन अयनो वर्षों युगो सोवों हजारों लाखवर्षों क्रोडवों तथा कोडाकोडीवर्षों श्रावहो. के जेमुदत दरम्यान अमो घणां एवां शीलो व्रतो गुणी विरतिन प्रत्याख्यानो तथा पौ-1॥३७ । | पधनपवासादिक आदरशुं, आराधशुं तथा करशुं. वली हे आयुष्मन! (तुं पूर्वीशके)शामाटे एम | नचिंतय जोइये ? (तो नतर एके) खेरखर पा जींदगी घणा विनोवाली के कारण के वायुना वि
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