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शब्द
गौरी - इ । गाघ
ग्रन्थि:-थ
ग्रसिनी-क
ग्रहः-थ
ग्रहपतिः - ग्रहाधीश:-:
:-भ
ग्रामणी:- पाब
ग्रावा-द
ग्रास:-क्ष
ग्रासिनी - हं ग्राहः -थ
:-म
ग्राहक:-थाली: ग्लों - ऐ || साद्री
॥ घ ॥
घटाटि:- अं
घटिकात्मिका-छ
घटोदरः-ग
घण्टाट:-घ
घण्टाधारिणी-घ
घण्टाबीजम् - घोम्
घण्टि-घ
घण्टिक:-: (अ:)
घण्टिका-ऋ। (अं)।ध
घण्टी-म
घण्टेश:- घ
घनम् - वावं
घन: - घावभँ
घनगर्जिनी
अर्थ
-भ
घनरसः -व | वं
घनवट - -न
शब्द
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वर्णबीजकोष :
घनस्मरः - घ
घनहारः-घ
घना- ए
घर्वरध्वनिः - ञ
घर्मटी-इ
घस्मरा-घ
घुरा-झ
घुघुर:-घ
घूर्णक:-ठ
घृणा - ऐ घृतम् - वावं
घोणा - प्र
घोरः-घ
घोरतर:- ऋ
घोरदंष्ट्र:- घ
घोरनायक:-घ
घोरनिस्वना-धों
घोररूपा - उख घोरा-ऋ । : ।
घाष:-ह
घोषा-च
घ्राणी-ट
टा: (अ:) 1 काग स
॥ ङ ॥
ङराट्-ङ ङनामा-य
अर्थ
॥ च ॥
चकरः - श
चक्रम् - इल चक्रपाणिः - आउ । क्लीं चक्रवालुकः-ख
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शब्द
चक्रबालुका- ख
चक्रभृत् - अउ | क्लीं
चक्राधार:-हुँ चक्रिणी-च
चक्रिबीजम् - द
चक्री - आउक क्लीं
चक्षुः - वोषट्
चक्षुषः - (अं)
चञ्चल:- झटाया यँ
चला-ध
चञ्चलाक्षी - र
:-: (अं)
अर्थ
घटी - ह्रीं
चण्ड : - उ | ऊओ | खानाएँ
चण्डभैरवः - औ
चण्डभैरवी -ओ
चण्ड मुण्डधरः - च
चण्डमुण्डा - ए
चण्डल:-द
चण्डवल्लभः ---उ
चण्डवारुण: -- च
चण्डविक्रमः --च
चण्डा - इ । गाङ
चण्डांशु:- म
चण्डिका - आओ | : (अ:) .
टंटं
चण्डिकेश्वर:- ए|ऐ|ऐं चण्डी - इझ : ( अ ) | चाफा
चण्डी-हां
वषट्