________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अर्थ
शब्द
अर्थ
वर्णबीजकोषः शब्द
अर्थ
शब्द गन्धिनी-न गिरीश्वरः-ल
गुह्यकर्ता-प गभस्तिमान्-म गिरिश्वरी-र
गुह्यनिद्रा-ऊ गरुडः-खामि गी:-ग
गुह्यवार्ता-प गरुडध्वज:-अक्लीं गीतम्-ग
गूढाङ्ग-च गर्गः-झ
गीतिज:-इ।काक्लीं गृध्नुः-आउाक्लों गर्जनम् -ह गीर्वाण:-श्न
गृध्रः-ल जतम्-ट
गुडाकेश:-आउाए। गृध्रख:-म जिनी
गसहाक्लीं गोकर्ण:-छ गर्भ(व)विमोचन:-स गुणजीवक:-ॐ
गोकर्णेशः-छ गर्भशक्ति:-:(अ.) गुणबीजक:-ॐ
गोकुलेश्वरः-ग गलत्-च गुणभूतेज्य:-ॐ
गोचरः-ग गल:-स
गुणसागरः-काक गोणी-ग गाथा-गाल गुणाद्या-ॐ
गोत्रभित्-ल गाथागन्धर्वगः-स गुप्तकालीबीजम्-क्लीं गोत्रा-थगान्दिनी-ल
गुरु:-आखिोगाढ गोधन:-छ गायक:-र
गुरुपादुकामन्त्र:-ऐं।ह्रीं गोधरा-त्र गायत्री-आगाभा
श्रीहसखफ्रें हमक्ष गोपालबीजम-क्ली वर्ग-ग
मलव यूं सहक्षम् गोपिनी-ग गायत्रीबीजपश्चांश:-ॐ
वयी हसौः गोपेन्द्र:-आउाक्लीं गायन:-इकानालाक्ली । गुरुबीजम्-हसखमलब - ' गोबिन्द:-ई गारुडी-ऋ
ऊं गोबोजम-ग गिरिः-उटादावारू गुरुभाव:-ठ
गोभूः-ग गिरिकणिका-लाल गुरुशक्तिबीजम्-पहल गोमुख:गिरिज:
मलवयऊं गोमुखी-ऋ गिरिजा-व गुल्फा -द
गोमुख्या-ऋ गिरिदर्शन-ग गुह-झ
गोवर्धनधरः-आउक्लिीं गिरिनायक:-न गुहा-ह्रीं
गौ:-लागामालासालं गिरिवरः-व गुहाकृति-ल
गौतमः-घ गिरि(री)शः-ए गासाह गुह्यः-चाथ
गौरः-घ गिरिसुता-ह्रीं
गुह्यकर्णः-प
गौरवम्-ल
For Private and Personal Use Only