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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 310 . स्वतंत्रता संग्राम में जैन श्री रतनलाल कर्णावट जैन बाबू रतनलाल जैन नाथद्वारा (उदयपुर) राजस्थान, कांग्रेस कमेटी उत्तरप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे, के अध्यक्ष रहे श्री रतनलाल कर्णावट का जन्म 1906 'बाबूजी' उपनाम से विख्यात श्री रतनलाल जैन का के आसपास हुआ। भारत छोड़ो आन्दोलन में आप | जन्म 20 अगस्त 1892 को भारत रक्षा कानून के अन्तर्गत 13 महीने उदयपुर अफजलगढ़, जिला- बिजनौर जेल में नजरबन्द रहे। (उ0 प्र0) के एक सम्पन्न आ0-(1) रा0 स्व0 से0, पृष्ठ-500 परिवार में लाला छज्जूमल जैन के यहाँ हुआ। गांव में सेठ रतनलाल जैन ही प्रारम्भिक शिक्षा समाप्त नगर कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष रहे आगरा | कर रतनलाल जी उच्च(उ0प्र0) के श्री सेठ रतनलाल जैन, पुत्र-श्री छोटे शिक्षार्थ अपने फूफा श्री हीरालाल जी के यहाँ लाल आगरा के बहुत बड़े लोहे के व्यापारी थे। बिजनौर चले आये। बाद में हीगलाल जी ने रतनलाल 1936 से ही आप स्वाधीनता संग्राम में सक्रिय भाग जी को विधिवत गोद ले लिया। बिजनौर से मैट्रिक लेने लगे थे। 1942 के आन्दोलन में सरकार द्वारा परीक्षा पास कर रतनलाल जी इलाहाबाद नजरबंद कर कारागृह में भेज दिये गये और 6 माह विश्वविद्यालय चले गये जहाँ से बी-एससी) और बाद छोड़े गये। आप बार्ड कांग्रेस कमेटी के सदस्य एल0 एल0 बी0 परीक्षायें पास की। तथा अधिकारी एवं नगर कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष रतनलाल जी ने पहले नगीना और फिर मुरादाबाद रहे थे। आपने साप्ताहिक 'नव संदेश' एवं मासिक 'अग्रवाल लोहिया' पत्र भी निकाला था। में वकालत प्रारम्भ की, किन्तु इस कार्य को उन्होंने आ0- (1) जै0 स0 रा0 अ0 (2) उ0 प्र0 जै0 40, धर्म और नैतिकता के विरुद्ध पाया। इधर गांधी जी पृष्ठ 89 (3) श्री महावीर प्रसाद द्वारा प्रेषित परिचय (4) गो0 अ0 का असहयोग आन्दोलन प्रारम्भ हो गया था। गांधी जी ग्र, पृष्ठ-225-226 ने वकीलों को वकालत छोड़कर आन्दोलन में भाग श्री रतनलाल जैन लेने के लिए आमन्त्रित किया। फलतः रतनलाल जी स्थानीय कांग्रेस सेवादल के संचालक रेवाडी अपनी मुरादाबाद की जमी-जमाई वकालत छोड़कर (हरियाणा) के श्री रतनलाल जैन, पत्र-श्री फलचंद बिजनौर आ गये और अपने जीवन को राष्ट्र और समाज जैन का जन्म 1926 के आसपास हआ। विद्यार्थी की सेवा में पूरी तरह से लगा दिया। बाबू जी ने कांग्रेस जीवन में ही पूज्य गांधी जी के प्रभाव से आप के असहयोग आन्दोलन के अन्तगत चार बार जेल आन्दोलन में आयें। श्री प्रेम स्वरूप डाटा के संसर्ग यात्रायें की। 1930 में वे गोंडा जेल में एक वर्ष, 1932 से 1940 में आपने खादी पहनना प्रारम्भ किया। 1942 में बरेली तथा फैजाबाद कारागृहों में 18 मास तथा के भारत छोड़ो आन्दोलन में आपको दो माह को बिजनौर के कारागृह में 1941 में ) माह तथा 1942 नजरबन्द किया गया परन्तु उपायुक्त महोदय ने 14 के भारत छोड़ो आन्दोलन में सवा साल रहे। स्वतन्त्रता दिन बाद ही आपको छोड़ दिया। 10-8 1948 को सम्बन्धी सभी आन्दोलनों में उनकी भूमिका अग्रगण्य 21 वर्ष की अल्पवय में ही आपका निधन हो गया। रही। बिजनौर जनपद के सत्याग्रह आन्दोलनों के वे आ-(1) रिवाडी सेनानी सूची, क्र0-43 प्राण थे। वं 1937 से 1940 तक उत्तर प्रदेश की For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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