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सैन्यचाचे जेनयमंदिरावर-गुलम्बी-घासीलाल- प्रतिविरचितया
समयावधिन्वाख्या व्याख्या सम
हिन्दी-गुर्जर-भाषाऽनुवादसहितम्
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श्री-सूत्रकृताङ्गसूत्रम् ।
(प्रथमो भागः)
SHREE SUTRAKRUTANG SUTRAM
नियोजक
संस्कृत माकृत जैनागमनिष्णात मियव्याख्यानिः पण्डितमुनि श्री कन्हैयालालजी महाराज
पाउन परनिवासिन्यायमूर्ति स्व. तिखालाई माइदमाई मद्देवाना अमरणार्थ तेमना धर्मपत्नि श्री-बीकास्तीबरेन तमचद्रव्य धारयेन
प्रति ५२००
० आ० १० स्थानवासोद्धारसमितिभमुखः येष्टि मीशान्तिवार-मदासभाई महोदया मु० सुनकोट
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