________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कोवि / सगडामुहम्मि कोवि हु पुरीए तह वेजयंतीए // 204 // कोवि हु रयणपुरम्मि सिरिनयरे रयणसंचयं कोवि / नयरम्मिजला|वत्ते कोवि गओ संखनाभम्मि // 205 // अवरावरनयरेसुं पेडिवक्खसमासएण पुरलोओ। सव्वोवि हु विक्खिरिओ सत्तुयपुंजोव्व | वायहओ // 206 / / एवं भणिऊण नरो विहियपणामो स गंतुमारद्धो / चित्तगईवि य ताहे सोचा तव्वयणयं सहसा // 207 // पहउच्च | मोग्गरेणं गिलिओ इव रक्खसेण खुहिएण / वजेण ताडिओ इव दुक्खं अइदूसहं पचो // 208 // युग्मम् / अह चिंतिउं पयत्तो दवा | कत्थ सा मए बाला / मह हिययकयाणदा एवं विहियम्मि हयविहिणा ? // 209 // एत्थवि नयरे तीए कुलकोडिसमाउलम्मि विउ| लम्मि / दंसणमवि अइदुलहं अवियाणियकुलहराए उ॥२१०॥ इहि पुण नाणाविहनयरेसुं पवेसियम्मि लोयम्मि। दइयाए पउत्ती|यवि वियाणणे संभवो नत्थि // 21 // ता किं करेमि इहि हयविहिणा विहडियम्मि एयम्मि / लब्भिज कह पउत्ती कहवा मह | दसणं होजा // 212 // को पुच्छिाउ नाम को मह साहिब्ज कुलहरं तीए / जत्थ गया मम दइया अक्खिजा पुरवरं को त ? Im213 // कहव डिजोगओ सा दिट्ठा अम्हेहिं हयविहिनिओगा / इहि पुण दहव्वा को जाणइ कत्थव नवत्ति? // 214 // तीए नामक्खराई विरहपिसायस्स मंतभूयाई / सुइगोयरं गयाई न मज्झ हा ! कत्थ बच्चामि // 215 // हा ! हियय ! कास रसि निम्बंध मुंच तम्मि लोयम्मि / अञ्जवि का तुह आसा ठाणंपि अयाणमाणस्स ? // 216 // __ अविय / जइ डज्झसि ता डज्झसु कुट्टसि हे हियय ! न हु निवारेमि / दइयाए जं पउत्तीवि दुल्लहा संपर्य जाया // 217 // 'चये / 2 प्रतिपक्षसमाश्रयेण शत्रुभयेन / 3 विक्सिरिओ=विकीर्णः / 4 सक्तकः भृष्टयवादिचूर्णः / 5 श्रुत्वा / 6 प्रहत इव / . क्षुधितेन / 18 विपुले / प्रोषिते / 1. आख्यायात् / " दैववशात् / 12 स्मरसि / For Private and Personal Use Only