________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 83906--12040 36-10-26 - एवमाई विसिट्ठलोयस्स संमयं जं जं / पुबपुरिसाणुचिन्न अविरुद्धं निययवंसस्स // 22 // निययश्वत्थासरिसं सलाहणिजं च सज्जणजणस्स / लोयागमाविरुद्ध अणुचिन्न पुवराईहिं / / 23 / / नियनिय काले सव्वं तं तं कमसो पकुब्बमाणस्स / सुहसागरावगाढस्स राइणो दुक्खरहियस्स // 24 // सुरसुंदरीए समयं सिणेहसारस्स पुब्बलक्खाई / बोलीणाई कइबि हु जिणसासणभत्तिजुत्तस्स // 25 // * सप्तदशभिः कुलकम् / / अह अन्नया कयाइवि रयणीए राइणा सह पसुत्ता। पाहाउयवेलाए पिच्छइ सुरसुंदरी सुविण / / 26 / / किल al कोवि कसिणसप्पो डसिऊण ममं नरिंदसंजुत्तं / मह उदरम्मि पविट्ठो एयं ददृण पडिबुद्धा // 27 / / भीया जाब विचिंतइ न सुंदर हंदि ! सुमिणमेयति / ता किं अमंगलेणं इमिणा सिट्ठण नरवइणो // 28 / / ताव पडपडहपडिरवपयडियगीयज्झुणीहिं संवलिय। तक्कालनिउत्तेहिं पहयं पाहाउयं तूरं / / 29 / / तस्सवणा पडिबुद्धो चितिय चित्तम्मि पंचनवकारं / काउं सरीरसोयं तकालुचियं मयरकेऊ // 30 // मणिरयणपणद्रुतम जुगाइजिणपडिममंडियं वियर्ड / चेइयभवणं गंतु विहिणा पूइत्तु जिणबिंब / / 31 / / चीबंदणं करित्ता पच्चक्खाणं च तदुचिय काउं / वारविलासिणिपउरे अत्थाणे ताहि संपत्तो // 32 // तकालमंगलीए बरवारविलासिणीहिं विहियम्मि / खणमेगं अस्थाणं दाऊण समुडिओ राया // 33 / / विजाविहियविमाणो सुरसुंदरिपमुहभारियासहिओ / हिमगिरिसिहरे खयरोहसंगओ सो | गओ झत्ति // 34 // कीडानिमित्तमह सो अणेगगोसीससाहिसंकिन्ने / ओइनो उजाणे नंदणवणसरिससोहिल्ले // 35 // मणिमयसिला& यलेस कयलीवणपरिगएम रम्मेसु / उकिट्ठगीयवाइयपेक्खणयक्खित्तचित्तस्स // 36 // सिरिमयरकेउखयराहिवस्स अंतेउराइसहियस्स / 1 अनुचीर्णम् आचरितम् / 1 श्लाघनीयम् / 3 पूर्वराजैः / 4 पाहाउप्राभातिकम् / 5 झुणी-ध्वनिः / 6 प्रहत यादितम् / 7 चैत्यवन्दनम् / / मालिकान् / 9 शाखी वृक्षः / 10 उकिर्ड्स-उत्कृष्टम् 24-24639263983 For Private and Personal Use Only