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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailasagarsuri Gyanmandie पण्णरहमो परिच्छेओ। **** ** ** ___ अह सो कयसमणवहो अंबरिसी मुइयमाणसो तत्थ / निच्च नेरइयाण कयत्थणाजायगुरुतोसो // 1 // बंधित्तु पावकम्मं तओ चुओ विहवसुलीगब्भे / उववन्नो सो तीए बहुविहकडुखारपाणेहिं // 2 / / साडियदेहो रोई झाणं आऊरिऊण नरयम्मि / मरिऊण सत्तपलिओ उववन्नो पढमपुढवीए // 3 // तिसृभिः विशेषकम् / / अणुहविय तिव्वदुक्ख नियआउक्खए तओवि उव्वट्टो / इह भरहे | विप्पसुओ उववन्नो दुग्गओ नाम // 4 // दारिददुक्खतविओ दिक्ख परिवाययाण चित्तूण / काउ अन्नाणतवं उक्कडरोसो मओ तत्तो | ||6|| धरणिंदस्स उ जाओ साहियपलियाउओ महाराओ / नामेण कालबाणो दिव्यमहारिद्धिसंपन्नो // 6 // तत्थवि सुमरियवहरो | उवओगं देइ ताण दोण्हपि / ठाणवियाणणहेउं विभंगनाणेण सकसाओ // 7 // तत्तियनाणाभावाउ बीयकप्पठियाणि एयाणि / दिवाणि | न तेण तहिं पुणरुत्तकओवओगेवि // 8 // एवं वच्चइ कालो नरिंद ! सेसाउयस्स अह तस्स / भुंजित्तु दिव्वभोए थोवूणयअट्ठपलियाई | // 9 // ईसाणकप्पवासी विहुप्पहो सो सुरो तओ चविउं / तुह पुत्तो उववन्नो कमलावइदेविकुच्छीए // 10 // युग्मम् / / दोहलपूरणहेउं | परिब्भमंती पुरम्मि हत्थिगया / सत्तममासे नरवर ! देवी कमलावई एसा // 11 / / एत्थंतरम्मि दिट्ठा कओवओगेण कालबाणेण / 1 कपत्थणा-कदर्थना / 2 विधषपांशुलागौं; पांशुला पुंश्चली / 3 शाटितदेहः-नष्टशरीरः / 4 परिमाजकः तापसः / 5 मृतः / 6 साधिकपल्यायुष्कः / 7 महाराओ-सामानिकसुरः / ** ** * * For Private and Personal Use Only
SR No.020776
Book TitleSursundari Chariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhaneshwarmuni
Publisher
Publication Year
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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