________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुरसुंदरी चरिज चउद्दहमो परिच्छेओ // 119 // सोवि हु मल्हणजीवो कालं काऊण आउपजते / जाओ सुदंसणाए भजाए समुददत्तस्स // 116 // पुत्तो धणवइनामो सुरूवजुत्तो as कलासु पत्तहो / एत्तो य अत्थि नयरी विजया तत्थेव एरवए // 117 // युग्मम् / / तीए समिद्धिजुत्तो धणभूई नाम आसि सस्थाहो। महिला सुंदरिनामा पुत्तो य सुधम्मनामोत्ति // 118 // अह चंदणोवि वणिओ मरिऊण तओ सुधम्मनामस्स / एगोयरो कणिट्ठो जाओ घणवाहणो नाम // 119 / / तत्थेव य एरवए सुपइट्ठपुरम्मि आसि हरिदत्तो। इन्भो तस्स य महिला विणयबई विणयसंजुत्ता // 120 // पुत्तो उण वसुदत्तो अह सा लच्छी तया ओ अडवीए। सीहहया मरिऊणं भमिऊण तिरिक्खजोणीसु // 121 / / विणयवईए धूया जाया ओ सुलोयणत्ति नामेण / वसुदत्तस्स कणिट्ठा सुरूवरूवा सुरवहुव्व // 122 / / युग्मम् / / सावि हु चंदणभजा | कालं काऊण संपया तत्तो। जाया सुलोयणाए कणिट्ठभगिणी अणंगवई // 123 / / एत्थंतरम्मि मल्हणभजावि सरस्सई मया |संती। ताण दोण्हवि लहुई वसुमइनामा समुप्पन्ना // 124 / / एवं च ताओ तिन्निवि बसेण भवियब्वयाइ एगत्थ / जायाओ भगिणीओ अवरोप्परनेहकलियाओ // 125 // जोव्वणमणुपत्ताओ समाणजाईण रूवजुत्ताण / अणुरूवाण वराणं मायावित्तेहिं वरियाओ // 126 // अविय / जेट्ठा सुलोयणा सा परिणीया निन्नवंठजीवेण / सागरदत्तसुएणं सुबंधुनामेण वणिएण // 127 // बीया अणंगवइया धणभूइसुएण विजयनयरीए। घणवाहणनामेणं परिणीया पुव्वदइएण 128|| तइया वसुमइनामा मल्हणजीवेण पुव्वदइएण / धणवइणा परिणीया तणएण समुद्ददत्तस्स // 129 // जिलं सुलोयणं वजिऊण भवियन्वयानिओएण / पुव्वभववल्लहेहिं जुत्ताओ नेह 1 बहुशिक्षितः / 2 एकोदरः सहोदरः / 3 तिर्ययोनिषु / 4 मृता सती। 5 मातापितृभ्याम् / E ||119 // For Private and Personal Use Only