________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आहिंडिऊण विविहं चउकतियचच्चरेसु इच्छाए / अह पुरवराउ बाहिं नीहरिओ कुंजरो कमसो // 106 / / चतसृभिः कलापकम् / / सहसच्चिय उम्मिट्ठो विच्छोलिंतो समत्थजणनियरं / अइवेगेण पयट्टो ईसाणदिसामुहो ताए // 107 // रे! लेह लेह धावह एस गओ | एस जाइ पुरओत्ति / एमाइ वाहरंतो भिच्चजणो धाइ पट्ठीए // 108 // रायावि हु जाहि कहवि हु धरिउ न चएइ करिवरं तं तु / ताहे भणिया देवी एस गओ ताव उम्मिट्ठो // 109 / / अइवेगओ पयट्टो चाइजइ कहवि नो नियत्तेउं / ता उत्तरिमो कहवि हु इयरह अडवीए पाडेही // 110 // कमलाबईए भणिय ओयरियव्वं कहं नु नरनाह ! / रन्ना भणिय निसुणसु पिच्छसि वडपायवं पुरओ | // 111 / / एयस्स य हे?णं जाही हत्थी तओ तुमे देवि ! / साहाए लग्गिअव्वं सहसा हत्थि पमोत्तूण / / 112 / / एवं च जाव राया देवि उल्लवइ ताव सो हत्थी / अइवेगेण पत्तो वडवायवहिट्ठभूभागे // 113 / / दक्खत्तणओ राया झत्ति विलग्गो य तस्स साहाए / लग्गसु लग्गसु देवि! झत्ति एवं भणेमाणो / / 114|| अइवेगओ करिस्सा (स्स.) अदक्खयाए य इत्थिभावस्स | गब्भस्स य गरु| यत्ता भयवेविरओ सरीरस्स // 115 / / कयअज्झवसायावि हुन सक्किया जाहि तत्थ लग्गेउं / ताहे य करिबरो सो झडत्ति तत्तो अवकतो // 116 / / युग्मम् / / अह गुरुसोगो राया तहडिओ जा तओ पलोएइ / ता पिच्छइ गयणेणं जंतं वेगेण तं करिणं // 117 / / अह विम्हिओ मणेणं चिंतइ राया अहो ! महच्छरियं / मोत्तुं भूमिपयारं बच्चइ हत्थी नहयलेण // 118 // अहवा / पुचविरुद्धसुरो सो विलसइ नूर्ण इमेण रूवेण / न हु केवलिणा भणिया भावा इह अन्नहा होति // 119 // एवं विचिंतयंतस्स तस्स, हत्थी असणीभूओ / ताव अणुमग्गलग्गं रनो सिंन्न समणुपत्तं // 120 / / अह करिवरमग्गेणं समरप्पियपमुहसुहड उन्मत्तः / 2 विच्छोलितो=कम्पयन् / 3 गजः / 4 दक्षत्वम् चातुर्यम् / 5 यान्तम् / / सैन्यम् / For Private and Personal Use Only