________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | निहया बहवो भिल्ला विजिया अम्हे परवलेणं // 220 // गहिऊण तओ सारं सवं डहिऊण सीहगुहमेयं / काउं हयविष्पहयं विणिग्गय * | परबलं तत्तो // 221 / / अहयंपि हु जुझंतो एयमवत्थंतरं इहं पत्तो / धणदेव ! नेव जाणे किं जायं सुप्पइट्ठस्स // 222 / / पंचनमो कारो अह दिन्नो सम्मत्तवयसमेओ से / तेणवि य भावसारं पुंणरुत्तं भणिउमाढत्तो // 223 / / एत्थंतरम्मि पुरिसो सलिल चित्तूण | आगो तत्थ / धणदेवो भणइ तओ पियसु जलं देवसम्म ! इमं // 224 / / अह सो जलं पिवंतो अइतण्हासुसियतालुयत्तणओ / गुरु| वेयणापरिगओ सहसा पाणेहिं परिचत्तो // 225 / / धणदेवोवि हु अइगुरुसोगो डहिऊण तैस्स तं देहं / सबंपि समरभूमि जोयावइ | निययपुरिसेहिं // 226 / / न य कत्थइ उवलद्धं करकमेतपि पल्लिनाहस्स / तत्तो चिंतइ एसो हा ! धी! विहिणो बिलसियस्स / / | 227 / / तारिसगुणजुत्तस्सवि सरलसहावस्स सुप्पइट्ठस्स / निग्घिणकणगवईए हा! हा! कह दारुणं विहियं // 228|| माइंदजालसरिसं | सव्वं एयम्मि हंदि ! संसारे / खणदिनदुरूवं धणपरियणजीवियव्वाई // 229 / / न य नजइ किं जायं महाणुभावस्स सुप्पइट्ठस्स | Hell किं जीवइ अब मओ संगामे एत्थ जुज्झंतो? // 230 / / एमाइ चिंतयंतो धणदेवो आगओ निजे सत्थे / अह कमसो संपत्तो सत्थजुओ हत्थिणपुरम्मि // 231 / / तुट्ठाओ जणणिजणया सव्वे आणंदिया वयंसा से / सोहणदिवसे बहुया पवेसिया निययगेहम्मि ||232 / / अह पुव्वसिणेहेण सिरिकता सासुयाइणुनाया। नियडिजुया पत्ता कमलावइदेविगेहम्मि // 233 / / दटुं | पुचवयंसि वियसियमुहपंकया महादेवी। अइगरुयसिणेहेणं उट्ठिय आलिंगए एयं // 234 // भणइ य वयंसि! उकंठियाए 1 भावसारं श्रद्धापूर्वकम् / 2 भूयः / 3 आढत्तो-आरब्धः / 4 अतितृष्णाशुष्कतालुक्त्वतः / 5 परित्यक्तः / 6 दग्ध्वा / 7 देवशर्मणः / 8 करकIslell मात्रम् अस्थिमात्रम् / 9 मायेन्द्रजाल सदशम् / 10 वयस्याममित्राणि / 11 सासुवाइणुमायावयाऽनुशाता / 12 घेटी दासी / 13 वयस्यां सनीम् / For Private and Personal Use Only