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#AASSAAN SASARAGOSS
खला नीया । मुक्खा कूरा कुट्ठी के वि हु विरहाइदुहविहुरा ॥७६७॥ एवं सुहदुक्खमयं तरतमजोगेणणंतभेयमयं । जीवाणं 8 वइचित्तं अणिमित्तं होइ नहु कइया ॥७६८॥ न य कारणं विणा पुण कत्थ य खलु होइ कजनिप्फत्ती । जह अंकुरुग्गमो इह न य भूमिजलं विणा होइ ॥७६९॥ न य तं इहलोयकयं सित्तेसु जहा तरूण मूलेसु । दीसइ दलाइ उवरिं परलोए फलइ तह कम्मं ॥७७०॥ जं च निमित्तं तं पुवभवकयं सुकयदुक्यं कम्मं । तं खलु जीवेण कयं कत्तुरभावे कुओ कम्मं ? ॥७७१॥ जीवदयाए पुण्णं पावं पुण होइ जीवधाएण । जारिसयं वाविज्जइ लुणिजए तारिसं चेव ॥७७२॥ ता अत्थि जिओऽवस्सं पुण्णं पावं च तह य परलोओ। तवसंजमाइकिरिया न कया वि निरत्थया तह य ॥७७३॥ किंच हरिचंदनरवर! असेसकम्मक्खयस्सरूवो उ । मुक्खो वि अत्थि सो पुण विसिद्वतवसंजमप्पभवो ॥७७४॥ ___ अण्णं च-जीवो य अपुग्गलिओ कम्मसरीराइपुग्गलजुओ उ । तणुवावीवेयणं व संमिलिओ खीरनीरं व ॥७७५।। सस-1 रीरी तणुमित्तो लोगाऽसंखंसउव इलियगई। केवलियसमुग्धाए अहवा लोगप्पमाणो सो ॥७७६॥ असरीरी पुण जीवो चरिमभवतिभागमित्तखित्तमिओ। लोयग्गे अकिरिओ निच्चो चउणंतसंजुत्तो ॥७७७॥ संसारी कुणइ सुहं असुहं च कसायजोगमाईहिं । मिउदंडचक्कचीवरसामग्गीवसा कुलालब ॥७७८॥ भुंजइ सयं चिय कयं नासो पुण नत्थि सकयकम्मरस । अकयस्स नत्थि भोगो अण्णह मुक्खे विसो हुजा ॥७७९॥ निच्चाऽनिच्चसरूवाभावा सो वि ताव तियलोए।उप्पायविगमठिइधम्मसंगया ते पुणो एवं ॥७८०॥ कुंडलविगमो मउडुप्पाओ कणगं अवट्ठियं च जहा । तह सबे वि पयत्था जीवो नेओ पुणो एवं ॥७८१॥ पुवभवपज्जएणं विगमो इहभवगएण उप्पत्ती । जीवद्दवेण ठिई निच्चाऽनिच्चत्तमेवं तु ॥७८२॥
SESSEUSESSES RESTES
सुदस०१८
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