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सुदंसणा- नयरपरिसरे रम्मे । मंचाइमंचकलिया विच्छिण्णा मल्लरंगमही ॥१००८॥ सयलपुरलोयसहिए उवविट्ठ देवसेणनरनाहे। सिरि-टू
विजयकुचरियम्मि कुमर-कालमेहा इहमागया रंगभूमीए॥१००९॥ आवद्धनिविडकच्छा संजमियसिणिद्धकेसपब्भारा। दुण्णि वि निजुद्धनिब-IN मारसरूव
15 डियपोरिसा साहसिक्करसा॥१०१०॥ दद्दूण कालमेहो कुमरं संहणणदुद्धरिसदेहं । पुण्णखयाओ खिप्पं खुहिओ चित्तम्मि बलि-15 प्परूवग॥६३॥
ओ वि॥१०१॥ चिंतइ य एस रणो बल्लहजामाउओ महोयस्सी। ता जयपराजएसुं कुओ वि मह नत्थि काहाणं ॥१०१२॥ नाम अट्ठइयभयसंभमयसओ फुट्ट हिययं तडत्ति मल्लस्स । कुमरस्स साहुवाओ संजाओ रंगमज्झम्मि॥१०१३॥ तत्तो य कलानिहिणो कंठे|
| मुद्देसो। वलसालिणो कुमारस्स । पक्खित्ता वरमाला कुमरीए नेहरज्जुब ॥१०१४॥ अणुरूयो संजोगो विहिणा विहिओ समाणमेयाणं । जाओ साहुक्कारो अहो ! सुचरियं ति जणमज्झे ॥१०१५॥ तत्तो सोहणदिवसे पाणिग्गहणं करावियं रण्णा । मंगलगीयरवेणं वजिरवरतूरनिवहेण ॥१०१६॥ पइमंगलमेईए तह हयगयरहवराइयं दिण्णं । रण्णा जह नयरजणो सन्चो विधुणाविओ सीसं ॥१०१७॥ अण्णदिणे कुमरेणं सपुरं पइ पत्थिओ निवो भणइ । वच्छ! तए सीलमईन देहछाया व मुत्तवा॥१०१८॥ आमंति भणिय कुमरो चउरंगमहाबलेण परियरिओ। सीलमईइ समेओ विढेवियससिनिम्मलजसोहो ॥१०१९॥ तत्तो पिउणा दुस्सहविओगतुटूंतनेहपासेण । सिक्खविया सीलमई ससुरकुलपत्थिया तइया ॥१०२०॥ अम्मापिऊण वच्छे ! सगुणे विगुणे वि2 धुवमवञ्चम्मि । को वि अउबो नेहो तेण हियत्थं भणामि तुमं॥१०२शानिप्पंकसुवण्णसमुज्जला वि सुइसीलसोरभजुया वि । केयइफडसब सुया परोवयाराय निम्मविया ॥१०२२॥ ता वच्छे! तत्थ गया सुविणीया होसु ससुरवग्गस्स। अविणीओ जलणो ॥३॥ १ धन्यवादः। २ विढवि. अर्जित ।
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