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सुमना, सौमनसा, अचिमाली अने मनोरमा नामनी छे. ते अनुक्रमे पद्मा, शिवा, शची अने अंजु नामनी इंद्राणीओ संबंधी छे, त्यां जे नैऋत्य कोणमां रतिकर पर्वत छे तेनी चारे दिशाओमां शक्र नामना देवेंद्र, देवना राजानी चार अग्रमहिषीओनी जंबूद्वीपना प्रमाण जेवडी चार राजधानीओ कहेली छे, ते आ प्रमाणे-भृता, भूतावतंसा, गोस्तूपा अने सुदर्शना नामनी छे. ते अनुक्रमे अमला, अप्सरा, नवमिका अने रोहिणी नामनी इंद्राणीओ संबंधी छे. त्यां जे वायव्य कोणमा रतिकर पर्वत छे त्यां। चारे दिशाए ईशानेंद्र, देवना राजानी चार अग्रमहिषीओनी जंबृद्वीपना प्रमाण जेवडी चार राजधानीओ कहेली छे, ते आ प्रमाणेरत्ना, रत्नोचया, सर्वरत्ना अने रत्नसंचया. ते अनुक्रमे वसु, वसुगुप्ता, वसुमित्रा अने वसुंधरा नामनी इंद्राणीओनी छे. (सू०३०७) टीकार्थ:-आ सूत्र स्पष्ट छे. विशेष ए के
जंबू १ लवणे धायइ २, कालोए पुक्खराइ ३ जुयलाई।
वारुणि ४ खीर ५ घय ६ इक्खू ७, नंदीसर ८ अरुण ९ दीवुदही ॥ १४२॥ १ जंबूद्वीप अने लवणसमुद्र, २ धातकीखंड द्वीप अने कालोदधि, ३ पुष्करवरद्वीपथी आरंभीने ४ वारुणी, ५क्षीर, ६ घृत, ७ इक्षु, ८ नंदीश्वर अने ९ अरुण नामना द्वीप अने समुद्रो छे यावत् स्वयंभूरमण पर्यंत द्वीपना नाम प्रमाणे समुद्रना नाम छे.
आ गणना प्रमाणे नंदीश्वर द्वीप आठमो छे. ते ज प्रधान छे, केमके मनुष्यद्वीप सिवाय बीजा द्वीपोनी अपेक्षाए अहिं घणा जिनभवन विगरेना सद्भावने लईने तेनुं प्रधानपणुं छे. तेना चक्रवाल विष्कम( पहोळाई )नुं प्रमाण १६३८४००००० योजन छे. कयुं छे के
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