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भीस्थानागपत्र सानुवाद ॥४२२॥
काभ्ययने
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मां सुषमसुषम नामना छठा आरामां चार कोडाकोडी सागरोपमप्रमाण काळ हतो. जंबूद्वीप नामना द्वीपमा भरत अने
४ स्थानऐरवतक्षेत्रने विषे आ अवसप्पिणीमा सुषमसुषम नामना पहेला आराने विष चार कोडाकोडी सागरोपमप्रमाण काळ हतो. जंबूद्वीप नामना द्वीपमा भरत अने ऐरवतक्षेत्रने विष आगामी उत्सपिणीमा सुषमसुषम नामना छठा आराने विष चार
उद्देशः २ कोडाकोडी सागरोपमप्रमाण काल थशे. (मू० ३०१) जंबूद्वीप नामना द्वीपमा देवकुरु अने उत्तरकुरुने छोडीने चार अ
मानुषोत्तरकर्मभूमिओ कहेली छे, ते आ प्रमाणे-हैमवत, हैरण्यवत, हरिवर्ष अने रम्यक्वर्ष. चार वृत्त( वाटला )वैताठ्यपर्वत कहेला छे, ते आ प्रमाणे-शब्दापाती, विकटापाती, गंधापाती अने माल्यवंतपर्याय. तेमां चार महद्धिक देवो यावत् पल्योपमनी स्थिति
कूटाः दुष्पवाळा वसे छे, ते आ प्रमाणे-स्वाती, प्रभास, अरुण अने पन. जंबूद्वीप नामना द्वीपमां महाविदेह क्षेत्र चार प्रकारनो कहेल
मसुषमावछे, ते आ प्रमाणे-पूर्वविदेह, अपर( पश्चिम )विदेह, देवकुरु अने उत्तरकुरु, बधा निषध अने नीलवंत नामे वर्षधर पर्वतो चार
पादि सो योजन ऊंचा अने चार सो गाउना ऊंडा कहेला छे. जंबूद्वीप नामना द्वीपमा मेरुपर्वतनी पूर्व दिशाए सीता नामनी महानदीना ४०३००उत्तर किनारे चार वक्षस्कार पर्वतो कहेला छे, ते आ प्रमाणे-चित्रकूट, पक्ष्मकूट, नलिनकूट अने एकशैल. जंबूद्वीप नामना ३०२ द्वीपमां मेरुपर्वतनी पूर्व दिशाए सीता महानदीना दक्षिण किनारे चार वक्षस्कार पर्वतो कहेला छे, ते आ प्रमाणे-त्रिकूट, वैश्रमणकूट, अंजन अने मातंजन. जंबूद्वीप नामना द्वीपमा मेरुपर्वतनी पश्चिम दिशाए सीतोदा महानदीना दक्षिण किनारे चार वक्षस्कार पर्वतो कहेला छे, ते आ प्रमाणे-अंकावती, पक्ष्मावती, आशीविष अने सुखावह. जंबूद्वीप नामना द्वीपमा मेरुपर्वतनी * पद्मकूट पण कहेवाय छे.
2॥४रसा
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