SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 121
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org बहार ९, आर्य प्रराक्रम १०,आर्य वृत्ति ११, आर्य जाति १२, आर्य भाषी १३, आर्य अवभासी १४, आर्य सेवी १५, आर्यपर्याय १६ अने आर्य परिवार १७, जेबी रीते दीन शब्द साथै सत्तर आलापको कहेला छे तेवी रीते आर्य शब्द साधे पण सत्तर आलापको कहेवा अर्थात् सत्तर चोभंगाओ करवी फक्त 'दीन' शब्दने स्थाने आर्य शब्द जोडवो अने 'अदीन'ने स्थाने अनार्य शब्द जोडवो. चार प्रकारमा पुरुषो कहेला छे, ते आ प्रमाणे - कोईएक क्षेत्रथी आर्य छे अने ज्ञानादिगुण युक्त होवाथी आर्यभाववाळो छे १, कोईक क्षेत्रथी आर्य पण क्रोधादिकथी अनार्यभाववाळो छे २, कोईक क्षेत्रथी अनार्य पण ज्ञानादिथी आर्यभाववाळो छे ३ तेमज कोईक क्षेत्री अनार्य अने क्रोधादिथी पण अनार्य भाववाळो छे. ( सू० २८० ) चार प्रकारना वृषभ-बळदो कहला छे, ते आ प्रमाणे- माताना पक्षवडे युक्त ते जातिसंपन्न, पिताना पक्षवडे युक्त ते कुलसंपन्न, भार वहन करवानी शक्ति युक्त ते बलसंपन्न तेमज शरीरना सौंदर्यवडे युक्त ते रूपसंपन्न, आ दृष्टांते चार प्रकारना पुरुषो कहेला छे, ते आ प्रमाणे- जातिसंपन्न, यावत् पदथी कुलसंपन्न, बलसंपन्न अने रूपसंपन्न. १. चार प्रकारना बळदो कहेला छे, ते आ प्रमाणे-कोईक बळद जातिसंपन्न पण कुलसंपन नथी १, कोई एक कुलसंपन्न के पण जातिसंपन्न नथी २, कोई एक जातिसंपन्न अने कुलसंपन्न पण छे ३ तेमज कोई एक जातिसंपन्न पण नथी अने कुलसंपन्न पण नथी. ४. आ दृष्टांते चार प्रकारना पुरुषो कहेला छे, ते आ प्रमाणे - कोईएक पुरुष जातिसंपन्न छे पण कुलसंपन्न नथी १, कोई एक कुलसंपन्न छे पण जातिसंपन्न नथी २ कोईक जाति अने कुल बन्नेथ संपन्न छे ३ तेमज कोईक जाति अने कुल बन्नेथी संपन्न नथी. ४ - २, चार प्रकारना बळदो कहेला छे, ते आ प्रमाणे- कोई एक बळद जातिसंपन्न छे पण बलसंपन्न नथी, कोईक बलसंपन्न छे पण जातिसंपन्न नथी, कोईक जाति अने बल For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
SR No.020755
Book TitleSthanang Sutra Ppart 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevchandra Maharaj
PublisherMundra Ashtkoti Bruhadpakshiya Sangh
Publication Year1943
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sthanang
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy