________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
श्रीमत्सुधर्मस्वामिगणभृत्प्ररूपितम्
श्रीस्थानाङ्गसूत्रम्। (द्वितीयो विभागः [मूल तथा श्री चंद्रगच्छालङ्कार श्रीमद् अभयदेवसूरिकृत टीकाना अनुवाद युक्त]
संशोधक तथा संपादक उपाध्याय श्री देवचन्द्रजी महाराज
प्रकाशक तथा प्राप्तिस्थान मुंद्रा (कच्छ) अष्टकोटी बृहद्पक्षीय संघ वीर सं. २४६९ ] प्रत ५०० [वि. सं. १९९९ मुद्रक-शेठ गुलाबचंद देवचंदः मानन्द प्रिन्टिग प्रेस-भाषनगर
For Private and Personal Use Only