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वलतुं श्रीजिन मुखे ईम भाखे, सुण इंदा मुज वातजी, सकल तीरथमां श्री शेत्रुंजो, तिहां भरतेसर तात जी... (५) श्री विमलाचल गिरिवर
श्री विमलाचल गिरिवर कहीए, मोक्षतणो अधिकार जी; इणगिरि हुंता भविजन निश्चे, पाम्या केवलज्ञान जी; कांकरे कांकरे साधु अनंता, सिध्या इण गिरि आया जी, कर्म खपावी केवल पाम्या, थई अजरामर काया जी... (६) श्री शत्रुंजय मंडन
श्री शत्रुंजय मंडन, रिसह जिनेसर देव, सुर नर विद्याधर, सारे जेहनी सेव, सिद्धाचल शिखरे, सोहाकर शृंगार, श्री नाभिनरेसर, मरुदेवीनो मल्हार...
(७) सवि मलि करी आवो सवि मलि करी आवो, भावना भव्य भावो, विमलगिरि वधावो, मोतियां थाल लावो; जो होय शिव जावो, चित्त तो वात लावो, न होय दुश्मन दावो, आदि पूजा रचावो...
(८) वंदु सदा श्री गिरिराज आजे
( राग : कल्लाणं कंदं ...)
वंदु सदा श्री गिरिराज आजे, चूडामणि आदिजिणंद गाजे; दुट्ठट्ठ कम्मस्स विरोध भांजे, मानुं शिवारोहण एह पाजे ...
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