________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir O श्रीदेवेन्द्र चैत्यविधिः श्रेणिकचरित्रं // 40 // // 72 // पृष्टमागामिकालादिस्वरूपं यत्वया किल / इंद्रभूते ! तवाग्रे तद् ,तन्मयेति प्ररूपितम् // 727 // श्रुत्वेति गौतमो वीरं, ववंदे प्रभुरप्यथ। कार्तिके दर्शयामिन्यां, जगाम पदमव्ययम् / / 728 // इत्युच्चैर्जिनशासनोन्नतिगतं तीर्थेश्वरत्वं फलं, ज्ञात्वा श्रेणिकभूपते| रविरतस्याप्युत्तमं सर्वथा। भव्या! भक्तिभरावनम्रतनवः कुर्चीवमेनां मुदा, येन स्यादचिरेण वोऽपि सुलभा सर्वज्ञता निश्चितम् | // 729 // ॥प्रभावनायां श्रेणिककथा // इति श्रीअविच्छिन्नशासनखरूपतपोगच्छदिनमणिश्रीदेवेन्द्रसूरिसूत्रितं श्रीश्रेणिकचरित्रं / / becauseococceDecemovincescarserocareer DIGHIONSHONGIGARDROICE // 40 // For Private and Personal Use Only