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जीवनिकाय-सूत्र पडिक्कमामि छहिं जीवनिकाएहिं
पुढविकाएणं आउकाएणं तेउकाएणं वाउकाएणं वरणस्सइकाएणं तसकाएणं।
शब्दार्थ पडिक्कमामि= प्रतिक्रमण करता हूँ तेउकाएण- तेजः काय से छहिं = छहों
वाउकाएण= वायुकाय से जीवनिकाएहिं जीवनिकायों से । वणस्सइ%घनस्पति पुदवि कारण पृथिवीकाय से काएण= काय से आउकारण = अप काय से तसकाएण=सकान से
भावार्थ पृथिवी, पाप-जल, तेजः = अग्नि, वायु, वेनस्पति, और बस -
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