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काइआए
: २२ :
क्रिया-सूत्र
पडिक्कमामि पंचहि किरियाहि
हिरणियार
पाउसियाए पारितावणियार
पाणावाय किरिया
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शब्दार्थ
पडिक्कमामि = प्रतिक्रमण करता हूँ पाउसियाए
पंचहिं = पाँचों
किरियाहिं = क्रियाओं से
काइए = कायिकी से
अहिगरणियाए = श्राधिकरणिकी से
प्राद्वेषिकी से पारितावणियाए = पारितापनिकी से पाणाइवायकिरिया ए = प्राणातिपात
क्रिया से
भावार्थ
कायिकी, अधिकरणिकी, प्रादूषिकी, पारितापनिकी और प्राणाति
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