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विकथा-सूत्र
पडिक्कमामि चउहि विकहाहिइत्थी-कहाए भत्त-कहाए देस-कहाए राय-कहाए
शब्दार्थ पडिक्कमामि = प्रतिक्रमण करता हूँ, कहाए-कथा से चउहि = चारों
देस- देश की विकहाहिं = विकथानों से कहाए- कथा से इत्थी%खी की
राय-राजा की कहाए कथा से
कहाए कथा से भत्त= भोजन की
भावार्थ स्त्री-कथा, भक्त-कथा, देश-कथा, और राजकथा-इन चारों विकथानों के द्वारा जो भी अतिचार लगा हो, उस का प्रतिक्रमण करता हूँ।
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