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संज्ञा-सूत्र पडिकमामि चठहिं सन्नाहिं
आहार-सनाए भय-सत्राए मेहुण-सन्नाए परिग्गह-सन्नाए
शब्दार्थ पडिक्कमामि % प्रतिक्रमण करता हूँ भयसन्नाए=भय संज्ञा से चउहि चारों
मेहुणसन्नाए = मैथुम संज्ञा से सन्नाहि = संज्ञाओं से
परिग्गह - परिग्रह की अाहारसन्नाए = प्रहार संज्ञा से सन्नाए संज्ञा से
भावार्थ आहार संज्ञा, भयसंज्ञा, मैथुनसंज्ञा और परिग्रहसंज्ञा-इन चार प्रकार की संज्ञाओं के द्वारा जो भी अतिचार = दोष लगा हो उसका प्रतिक्रमण करता हूँ।
विवेचन संज्ञा का अर्थ 'चेतना' होता है, 'संज्ञानं संज्ञा।' किन्तु यहाँ यह
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