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देवलोकना विमानो पीळा अने घोळा ए वे वर्णवाळा छे. तेनी उपरना विमानो एक श्वेत वर्णवाळा छे. कां छे के— सोहम्मे पंचवन्ना, एक्कगहाणी उ जा सहस्सारो । दो दो तुल्ला कप्पा, तेण परं पुंडरीयाई ॥११३॥
भावार्थ उपर मुजब छे. देवोना अधिकारथी ज वे स्थानकमां आवेली अवगाहना कहे छे- 'गेवेज्जगाण' मित्यादि० आनी पूर्वनी माफक व्याख्या करवी.
॥ ठाणांगसूत्रना बीजा स्थानकना त्रीजा उद्देशानी टीकानो अनुवाद समाप्त ॥
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