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श्रीस्था
नाङ्गसूत्र सानुवाद
याओ पं० तं०-मायावत्तिया चेव मिच्छादसणवत्तिया चेव १६, मायावत्तियाकिरिया दुविहा पं० २०
आयभावकणता चेव परभावकणता चेव १७, मिच्छादसणवत्तिया किरिया दुविहा पं० २०-ऊ*णाइरित्तमिच्छादसणवत्तिया चेव तच्वइरित्तमिच्छादसणवत्तिया चेव १८, दो किरियाओ पं० २०दिट्ठिया चेव पुट्ठिया चेव १९, दिट्ठिया किरिया दुविहा पं० त०-जीवदिट्ठिया चेव अर्जावदिट्ठिया चेव २०, एवं पुट्ठियावि २१, दो किरियाओ पं० २०-पाडुच्चिया चेव सामंतोवणिवाइया चेव २२, पाडुच्चिया किरिया दुविहा पं०-२० जीवपाडुच्चिया चेव अजीवपाडचिया चेय २३, एवं सामंतोवणि| वाइयावि २४, दो किरियाओ पं० तं०-साहस्थिया चेव णेसाथिया चेव २५, साहस्थियाकिरिया दविहापंतक-जीवसाहस्थिया चेव अजीवसाहस्थिया चेत्र २६.पवं सत्थियावि २७. दो किरियाओ | पं० तं०-आणवणिया चेव वेयारणिया चेव २८, जहेव णेप्तत्थियाओ २९-३०, दो किरियाओ पं० तं०-अणाभोगवत्तिया चेव अणवखवत्तिया चेव ३१. अणाभोगवत्तिया किरिया दविहा पं० तं०अणाउत्तआइयणता चेव अणाउत्तपमजणता चेव ३२, अणवखवत्तिया किरिया दुविहा पं० तं०
ध्ययने अजीबन्धादिकियाणां द्वैविध्यम् ५८-५९ ६० सूत्राषि
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