________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
नारायणमुनि नारायणार्य नारायणाचार्य
रंगरामानुज मुनि (16)
नीलमेघाचार्य नृसिंह नृसिंहदेव
विषयवाक्यदीपिका, भाष्यप्रकाशिका, न्यायसिद्धांजन व्याख्या, शारीरकसूत्रार्थदीपिका, मूलभावप्रकाशिका, (श्रीभाष्यकी व्याख्या), भावप्रकाशिका (श्रुतप्रकाशिका की टीका), उपनिषद्भाष्यम्।
नृसिंहाचार्य
: गीतार्थसंग्रहविभाग। : नीतिमाला : पाराशरभट्टकत
गुणरत्नकोश की टीका। न्यासविद्याविचार तप्तमुद्राविलास। शतदूषणी-टीका । आनन्ददायिनी (तत्त्वमुक्ताकलाप व्याख्यासर्वार्थसिद्धि की टीका) वेदान्तदेशिककृत निक्षेपरक्षा की टीका। : सिद्धान्तचन्द्रिका
न्यायरत्नावली महाभारततात्पर्यरक्षा। श्रीरंगराजस्तव, श्रीगुणरत्नकोश, अष्टश्लोकी तत्त्वरत्नाकर
(अप्राप्य); नित्यम्। : चरमश्लोकरहस्यचन्द्रिका,
तत्त्वभास्कर : रहस्यमंजरी : अभेदखण्डनम्
परवस्तु वेंकटाचार्य परवस्तु वेदान्तचार्य
पराशरभट्ट
पेलाप्पुर दीक्षित
प्रणतार्तिहराचार्य प्रतिवादिभयंकर अण्णन् मंगाचार्य महाचार्य (16-17)
: अधिकरणसारार्थदीपिका : ब्रह्मसूत्रभाष्योपन्यास,
ब्रह्मविद्याविजय, पाराशर्यविजय, सद्विद्याविजय, अद्वैतविद्याविजय, परिकरविजय, गुरूपसदनविजय, उपनिषन्मंगलाभरणम्। चण्डमारुत (शतदूषणी की टीका)
रंगरामानुजमहादेशिक : परपक्षनिराकृति, पूर्णत्वविचार (20) रघुनाथ (19) : श्रियौपायत्वसमर्थनम्,
श्रीविभुत्वसमर्थनम्। रघुनाथ यति : श्रीवैष्णवसदाचारनिर्णय। (19-20) रघुनाथाचार्य : संगतिसारसंग्रह। राघवार्य (19) : सुचरितचषक। राघवाचार्य
शारीरकार्थसंक्षेप। राममिश्र
श्रीभाष्यविवरणम्। रामानुज
श्रीवैष्णवाचारसंग्रह, (19-20)
पराशरभट्टकृत रंगराजस्तव
की टीका। रामानुजदास
मूलमंत्रार्थकारिका। रामानुजमुनि
प्रपन्नविजय (18-19) रामानुजयोगी : प्रपन्नसत्कर्मचन्द्रिका (18-19) रामानुजाचार्य : श्रीभाष्यम् (ब्रह्मसूत्रभाष्य), (11-12)
वेदार्थसंग्रह, वेदान्तदीप, (ब्रह्मसूत्रभाष्य), गीतार्थसंग्रह,गद्यत्रय (शरणा गतिगद्य, श्रीवैकुण्ठगद्य,
श्रीरंगगद्य) नित्यम् रामार्य
त्र्यय्यन्तार्थ (अप्राप्य) लक्ष्मणाचार्य : तप्तमुद्राधारणप्रमाणादर्श । लक्ष्मणाचार्य : गुरुभावप्रकाशिका
(सूत्रप्रदीपिका की टीका)। लक्ष्मीकुमारताताचार्य : वेदान्तदेशिककृत
रहस्यत्रयसार की टीका। लोकाचार्य
तत्त्वविवेक। वरदनायकसूरि
चिदचिदीश्वरतत्त्वनिरुपणम् वरदनारायणभट्टारक : प्रज्ञापरित्राणम्, न्यायसुदर्शनम्
(श्रीभाष्यव्याख्या)
मेघनादारि
मैत्रेय रामानुज यामुनाचार्य (10-11)
नवद्युमणि, भाष्यभावबोधप्रबोधनम्, नवप्रकाशिका (श्रीभाष्य की व्याख्या)। नाथमुनिविजयचम्पू। आगमप्रामाण्यम्, सिद्धित्रय, गीतार्थसंग्रह, पुरुषनिर्णय, (अप्राप्य), चतुःश्लोकी,
स्तोत्ररत्नम् : अष्टादशभेदविचार : न्यासरीति : अद्वैतबहिष्कार, तत्त्वसंग्रह
रंगनाथसूरि (19) रंगनाथयति (16) रंगराज
संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड /477
For Private and Personal Use Only