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गुणचंद्रसूरि
हेमविभ्रम-टीका (व्याकरण) गुणभद्रसूरि (15) : तर्करहस्यदीपिका
(हरिमद्रसूरिके षड्दर्शन
समुच्चय की व्याख्या)। गुणरत्नगणि
सारदीपिका (काव्यप्रकाश (17)
की टीका)। गुणरत्नसूरि (15) : क्रियारत्नसमुच्चय। गोकुलोत्सव
सौंदर्यनिजपद्यटीका, विवेक (18-19)
धैर्याश्रयटीका, संन्यासनिर्णयटीका, शृंगार
रसमंडन-टीका) गोपालराव जांभेकर : गणेशविजय-काव्यम् गोविंदराव बलंवतराव : काव्यशास्त्रीयम् (19-20)
(गोविंदसप्तशती),
व्यासोपदेश। गोविंदाचार्य (13) : रससार (आयुर्वेद) चंदु पंडित
: नैषधचरितम् की टीका (चांडुपंडित) (13) जगदेव (12) : स्वप्नचिन्तामणि (ज्योतिष) जयन्तभट्ट (13)
दीपिका या जयन्ती (काव्य
प्रकाश की टीका) जयमंगल सूरि
: कविशिक्षा (12)
देवशंकर पुरोहित : अलंकारमंजूषा (18)
(रघुनाथराव और माधवराव पेशवा) की स्तुति
के उदाहरण देवेश्वर (17)
स्त्रीविलास द्या (विद्या) द्विवेद(11): नीतिमंजरी (या वेदमंजरी) धर्मकीर्ति (4) : न्यायबिन्दु नमिसाधु (11) : काव्यालंकारटिप्पण नरचन्द्र
श्रीधरकृत न्यायकंदली
की टीका। नरचन्द्रसूरि (13) : ज्योतिःसार नरहरि (12) : नरपतिजयचर्यास्वरोदय । नरेन्द्रप्रभ सूरि(13) : अलंकार महोदधि (सटीक) नारायण वैद्य : कुसुमावली(श्रीकृष्णकृत (15)
वृन्दमाधव की टीका) पारिख जे.टी. : छायाशकुंतला (रूपक) पितृभूति
:: कात्यायन श्रौतसूत्रभाष्य पीतांबर त्रिपाठी(13) : रेणुकासत्कीर्तिचन्द्रोदय । पुरुषोत्तम
तत्त्वदीपनिबंध, प्रहस्तवाद, (17-18)
प्रस्थानरत्नाकर, उत्सवप्रतान, द्वव्यशुद्धि (धर्मशास्त्र) अणुभाष्यप्रकाश, सुवर्णसूत्र, आवरणभंग (वल्लभाचार्यकृततत्त्वदीपनिबंध की व्याख्या) दीपिका (नृसिहोत्तरतापिनी उपनिषद और माण्डूक्य. गौडकारिका की व्याख्या), अर्थसंग्रह (कैवल्य और ब्राह्म उपनिषदों की व्याख्या) अमृततरंगिणी (भगवद्गीता
की व्याख्या। प्रह्लादनदेव (13) : पार्थपराक्रम व्यायोग बदरीनाथ काशीनाथ : रत्नावली, मालिनी, शास्त्री (20)
राधाविनोद, मिथ्यावासुदेव (चारों रुपक) अवन्तिनाथ (मूल- गुजराती उपन्यास),
वल्लभदिग्विजयम्। बुद्धिसागर (11) पंचग्रंथिव्याकरणम्
(या बुद्धिसागरव्याकरण)
छन्दःशास्त्रम्। ब्रह्मगुप्त
ब्राह्मस्फुट सिद्धान्त (भिल्लमल्लकाचार्य) (ज्यो.) ध्यानग्रह, (6-7)
जयरत्नगणि
दोषरत्नावली (ज्योतिष) (17)
ज्वरपराजय (वैद्यक) जयराशिभट्ट (13) : तत्त्वोपप्लवसिंह
(चार्वाकदर्शन) जयशंकर द्विवेदी (18) : नवनन्दनन्दनरति (नाटक) जयानन्द सूरि
काव्यप्रकाशटीका ज्ञानमेरु
कविमुखमण्डन
(साहित्य.) झाला जी.सी.(20) सुषमा (काव्यस्ग्रह) त्रिकाण्डमण्डन
आपस्तंबसूत्र
ध्वनिसार्थकारिका दानविजयसूरि(18) : शब्दभूषण दुर्गसिंह (4)
निरुक्तटीका दुर्गाचार्य
: ऋजुविमलावृत्ति (1-2)
(निरुक्त टीका) दुर्गेश्वर (18) : धर्मोद्धरण (रूपक) दुर्लभराज (12)
सामुद्रिकतिलक (ज्योतिष)
(पुत्र जगदेव ने ग्रंथ पूर्ण किया) देवदत्त (14) : रत्नमालिका (आयुर्वेद) देवयाज्ञिक(12) : कात्यायनश्रौतसूत्रभाष्य
संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड/471
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