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सर्वज्ञात्मयति (पुष्पांजलि स्वामियूर )
(10)
सुकुमार
स्वामी तिरुमल
महाराज
डॉ. स्वामिनाथन् हरिदत्त (7)
ग्रंथकार
अजित्यश
अज्ञात (16)
अनन्त ( 15 )
अनन्ताचार्य (10)
अंबाप्रसाद (12)
अभयदेवसूरि
अमरचंद्र
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: प्रमाणलक्षणम् ।
अमरचंद्र सूरि (सिंहशिशुक) (12-13)
कृष्णणविलासम् । मुनाप्रासादिव्यवस्था (संगीत)
: कर्णभूषणम्, ध्वस्तकुसुमम् । ग्रहचारणीबंधनम्, शकाब्दसंस्कार (दोनों ज्योतिष विषयक)
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परिशिष्ट (12) गुजराथ के ग्रंथकार और ग्रंथ
गुजराथ प्रदेश इस अभिधान का प्रारंभ सामान्यतः 16 वीं शती से माना जाता है। आज के गुजरात राज्य के भूभाग में प्राचीन काल में आनर्त, सुराष्ट्र, लाट, कच्छ, गुर्जरदेश इस नाम से विदित भूभागों का अन्तर्भाव होता है। प्रस्तुत परिशिष्ट में गुजराथ राज्य के प्राचीन एवं अर्वाचीन ग्रंथकारों एवं उनके प्रमुख ग्रंथों का चयन किया है।
ग्रंथ
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संक्षेपशारीरक, पंचप्रक्रिया,
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विश्रान्तविद्याधर ( व्या.) वंशानुचरितकाव्य
कामसमूह वेदार्थचन्द्रिका वेदार्थदीपिका (माध्यंदिनसंहिता की टीका),
भगवन्नामकौमुदी (पितालक्ष्मीधरकृत) की टीका
कल्पलता, स्वकृत टीकाएँ कल्पपल्लव और
कल्पपल्लवशेषविवेक ।
तत्त्वबोधविधायिनी या वादमहार्णव सम्मतितर्क की
टीका ।
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काव्यकल्पलतामंजरी, (काव्यकल्पलतापरिमलटीका सहित),
अलंकारप्रबोध।
स्वादिशब्दसमुच्चय, छंदोरलावली, एकाक्षरनाममालिका, सुकृत
470 / संस्कृत वाङ्मय कोश ग्रंथ खण्ड
अमृतराम नारायण शास्त्री (19-20 )
अरिसिंह (11) आशाधरभट्ट
(18)
उदयधर्म (15) उदयप्रभसूरि (13)
उवट
कल्याण (17)
काकल
कीकभट्ट
कुमारपाल कुलमण्डनसूरि
(4)
कुलार्कपंडित (11)
कृष्णानन्द सरस्वती केशवदैवज्ञ
(केशवार्क)
(15-16)
गंग द्विवेदी (विद्दज्जनतिलक)
(14) गंगाधर (15)
गजेन्द्रलालशंकर पण्ड्या (20)
गणपति रावल (17) गणेश दैवज्ञ (16)
गदाधर ( 16 )
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कविरहस्यम्
: त्रिवेणिका, कोविदानंद
(सटीक) अद्वैतविवेक, अलंकारदीपिका,
प्रभापटलम् आशाधरी (न्यायिक),
रसिकानन्दम् (सा.शा.) कुवलयानन्दकारिका टीका, पुनरावृत्तिविवेचन |
वाक्यप्रकाश औक्तिक ।
आरंभसिद्धि (ज्योतिष) शुक्लयजुर्वेदभाष्य,
प्रातिशाख्यटीका । वाजसनेयी संहिताभाष्य, प्रातिशाख्यसूत्र |
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संकीर्तनकाव्य कविशिक्षा (स्वोपज्ञ-काव्यकल्पलतासहित) सिद्धान्तार्णव ।
पंचांगसंशोधननिबन्ध |
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: गुणदर्पण (व्या.)
मुग्धावबोध अतिक
(व्याकरण) दशश्लोकीमहाविद्यासूत्र विचारत्रयी।
विवाहवृन्दावन (इसपर गणेश दैवज्ञ (16) की टीका है), करणकंठीरव । : मुख्यार्थ प्रकाशिका
(बृहदारण्यक की टीका) ।
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बालतंत्र
मध्यमावृत्ति
हेमशब्दानुशासनपर
खण्डप्रशास्तिटीका ।
मुहूर्त गणपति, पर्वनिर्णय । जातकालंकार, मुहूर्तम्, विवान्दावन की टीका। : पारस्करगृह्यसूत्र की टीका ।
गंगादास प्रतापविलासनाटक, माण्डलिककाव्यम् । विषमपरिणयनम् (नाटक)