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कल्हण (12)
भी मानी जाती है)। राजतरंगिणी। (इस ग्रंथ की पूर्ति यथाक्रम जोनराज (15) श्रीधर (15, और प्राज्यभट्ट (16) द्वारा की गयी),
अर्धनारीश्वरस्तोत्र। : वक्रोक्तिजीवितम्
कुन्तक(11) कुमारलब्ध (बौद्धाचार्य) कैयट(11)
क्षेमराज(11)
क्षेमेन्द्र(11)
प्रदीप (पातंजलमहाभाष्य की टीका) शिवसूत्र टीका, स्वच्छंदतंत्रटीका, स्पंदकारिका टीका। रामायणमंजरी, भारतमंजरी, बृहत्कथामंजरी, दशावतारचरितम्, बोधिसत्त्वावदानकल्पकता, कलाविलास, चतुवर्गसंग्रह, चारुचर्या, नीतिकल्पतरु, सेव्यसेवकोपदेश, सुवृत्ततिलक, कविकण्ठाभरण,
औचित्यविचारचर्चा, लोकप्रकाश।
धर्मकीर्ति (बौद्ध) : - धर्ममित्र (बौद्ध) : - (4-5) धोत्तर (बौद्धाचार्य) : प्रमाणविनिश्चयटीका, (8)
न्यायबिन्दुटीका। नागसेन (2) : मिलिन्द पन्हो नागार्जुन(बौद्ध) : - नारायणकंठ(11) : मृगेन्द्रतंत्रटीका,
स्तवचिन्तामणि। पुण्यतर(बौद्धाचार्य) : प्रज्ञाकूट(बौद्धाचार्य) : - प्रतिहारेन्दुराज(10) : काव्यालंकारसारसंग्रह की टीका प्रवरसेन
सेतुबन्ध (प्राकृत महाकाव्य) बिल्हण (11-12) विक्रमांकदेवचरितम् बृहस्पति
शिवतनुशास्त्र भट्ट उत्पल(9) भासर्वज्ञ
न्यायसार भास्कर(10)
शिवसूत्र टीका,
भगवद्गीता टीका भूतिरात्र(9-10) भोजदेव (11)
तत्त्वप्रकाशिका मंखक(12)
श्रीकंठचरितम् मम्मट (11)
: काव्यप्रकाश महाप्रकाश (11) महिमभट्ट
: व्यक्तिविवेक महेश्वरानन्द (13) : महार्थमंजरी मुक्ताकण(9) योगराज रत्नवज्र (10)
युक्तिप्रयोग रत्नाकर(9)
हरविजयमहाकाव्य रम्यदेव (11-12) रविगुप्त(8) : प्रमाणवार्तिकटीका (वृत्ति) रामकंठ(1)
नादकारिका, (10-11)
मृगेन्द्रतंत्रवृत्ति, स्पन्दकारिका टीका, सर्वतोभद्र (भगवद्गीता
टीका) रामकण्ठ(2) (12) : नरेश्वरपरीक्षा की टीका रुद्रट(8)
: काव्यालंकार रुय्यक(12)
: अलंकारसर्वस्व लक्ष्मणगुप्त
श्रीशास्त्र लासक
: भगवद्गीता टीका वरदराज(11)
शिवसूत्र टीका वसुगुप्त (9)
शिवसूत्र, वासवी (भगवद्गीता टीका)
: भावोपहारस्तोत्रम्
गन्धमादन (7) चक्रपाणि चक्रभानु(11-12) जगद्धर(14-15) जयन्तभट्ट (19)
जयरथ जिनमित्र (10) जोनराज(15)
स्तुतिकुसुमांजलि न्यायमंजरी, न्यायकालिका, आगमडंबरनाटक (अपरनाम-षण्मतनाटक)। वामकेश्वरीमत-विवरणम् न्यायबिन्दुपिण्डार्थ श्रीकण्ठकाव्य और पृथ्वीराजविजय की टीका। कल्हण की राजतरंगिणी का कुछ उत्तरअंश जोनराज ने लिखा है। प्रमाणविनिश्चय-टीका
ज्ञानश्री
: पुस्तक पाठोपाय
दानशील (बौद्ध) (10-11) दीपिकानाथ (10) देवबल(शिवद्वैती)
464/ संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड
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