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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीरामवनवासम् (काव्य) - वैकुण्ठविहारी नन्द। सिंहलविजयम् (नाटक) - सुदर्शन पाठी। सीमान्तप्रहरी (रूपक) - सुदर्शनाचार्य। सुदामचरितम् (काव्य) - पुण्डरीकाक्ष मिश्र । सुधाहरणम् (नाटक) - पुण्डरीकाक्ष मिश्र । सुरेन्द्रचरितम् (काव्य) - दिगम्बर महापात्र । सूर्यदूतम् - दयानिधि मिश्र (1972) । स्वप्नदूतम् - प्रबोधकुमार मिश्र। (1970)। हनुमद्वस्त्राहरणम् - वैकुण्ठविहारी नन्द । हनुमत्सन्देशम् - मधुसूदन तर्कवाचस्पति । हेमलत (हम्लेट का अनुवाद) - अनन्त त्रिपाठी शर्मा। उत्तरप्रदेश-- दिल्ली अनुसन्धानपद्धति - डॉ. भगीरथप्रसाद त्रिपाठी। संपूर्णानन्द ग्रन्थमाला- वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा १९७० में प्रकाशित। अभिनवमनोविज्ञानम् - डॉ. प्रभुदयालु अग्निहोत्री। संपूर्णानन्द । ग्रन्थमाला- 19651 अभिनवमेघदूतम् - वसंत त्र्यंबक शेवडे । वाराणसी निवासी। अभिनव-हनुमन्नाटकम्- ले.- रमेशचन्द्र शुक्ल। मोतीनाथ संस्कृत महाविद्यालय (नई दिल्ली) में अध्यापक । तुलसीरामायण से प्रभावित नौ अंकों का नाटक। हनुमानजी इस नाटक के नायक हैं। सन् 1982 में देववाणी परिषद् (दिल्ली) द्वारा प्रकाशित । अर्वाचीन मनोविज्ञानम् - भामराजदत्त कपिल। वाराणसेय सं.वि.वि. द्वारा प्रकाशित 19641 अर्वाचीन संस्कृत साहित्य परिचय- संपादक रमाकान्त शुक्ल । इसमें अर्वाचीन काल में रचित कतिपय उल्लेखनीय संस्कृत ग्रंथों में प्रतिपादित विषयों की समीक्षा करने वाले डॉ. (कु.) टंडन, डॉ. हरिनारायण दीक्षित, डॉ. कैलासनाथ द्विवेदी, डॉ. रमाकान्त शुक्ल, डॉ.सी.आर. स्वामिनाथन्, डॉ रमेशचन्द्र शुक्ल, विद्वानों के शोधनिबंध संकलित किए हैं। पृष्ठसंख्या- 114। सन- 1982 में देववाणी परिषद, दिल्ली द्वारा प्रकाशित। आभाणकमंजरी - ले.- टी.वी. परमेश्वर अय्यर । इसमें अंग्रेजी भाषा के ढाई सौ सूक्तियों का अनुष्टभ पंक्तियों में सुबोध अनुवाद किया है। 1981 में देववाणी परिषद, दिल्ली द्वारा प्रकाशित। उमोवाहमहाकाव्यम् - (सर्ग-16) हरिहर पाण्डेय। प्रकाशन19861 व्याहरणम् (22 सर्गात्मक) - अनन्तानंद। वाराणसीवासी। करपात्रपूजांजलि (गीतिकाव्य) - रमाशंकर मिश्र । प्रतापगढ-निवासी। 19871 कर्णाजुनीयम् (महाकाव्य- 22 सर्ग) - विन्ध्येश्वरीप्रसाद शास्त्री। 1967 में वाराणसी में प्रकाशित। कापिशायिनी (गीतिकाव्य) - डॉ. जगन्नाथ पाठक। गंगानाथ झा विद्यापीठ, प्रयाग। कालिदासशब्दानुक्रमकोश - डॉ. रेवाप्रसाद द्विवेदी (सनातन)। वाराणसी। कालायसस्य प्रभवः - (भिलाई स्टील प्लान्ट) डॉ. रेवाप्रसाद द्विवेदी (सनातन) हिंदू वि.वि. । काव्यालंकारकारिका - डॉ. रेवाप्रसाद द्विवेदी। (सनातन) चौखम्बा प्रकाशन- 1978।। काँग्रेसपराभवम् (नाटक)- डॉ. रेवाप्रसाद द्विवेदी (सनातन) चौखम्बा प्रकाशन- 1978।। कूहा (खंडकाव्य) - ले.- उमाकान्त शुक्ल। जन्म सन् 1936। श्रीमती इन्दिरा गांधी की निर्मम हत्या से व्यथित लेखक ने राजीव गांधी को नायक करते हुए इस काव्य में इन्दिराजी का गुणवर्णन किया है। कूहा शब्द का अर्थ है कुज्झटिका अथवा कुया। श्लोकसंख्या 1201 हिन्दी और अंग्रेजी गद्यानुवाद सहित सन् 1984 में देववाणी परिषद्, दिल्ली द्वारा प्रकाशित। क्षत्रपतिचरितम् (महाकाव्य- 19 सर्ग) - डॉ. उमाशंकर त्रिपाठी। काशीविद्यापीठ प्रकाशन- 19741 विषय- शिवाजी महाराज का चरित्र। गीतकन्दलिका - डॉ. हरिदत्त शर्मा। गंगानाथ झा विद्यापीठ-प्रयाग- 19831 गीताली - डॉ. चन्द्रभानु त्रिपाठी। चैतन्यचन्द्रोदय - रामकुबेर मालवीय। जय भारतभूमे - ले. डॉ. रमाकान्त शुक्ल। जन्म सन् 19401 राजधानी कॉलेज (दिल्ली) में हिंदी के प्राध्यापक तथा देववाणी परिषद (दिल्ली) के महासचिव। लेखक द्वारा छात्रावस्था में लिखित भारत भक्तिपर काव्यों का संग्रह । लेखक के अर्वाचीन संस्कृत महाकाव्य विमर्श (3 खण्ड) अर्वाचीन संस्कृत साहित्य परिचय (2 खंड), तथा पुरश्चरण कमलम्, पण्डितराजीयम् और अभिशापम् नामक नाटक प्रकाशित हुए हैं। देववाणी परिषद् (दिल्ली) द्वारा सन् 1981 में प्रकाशित । तान्त्रिकविषये शाक्तदृष्टि- म.म. गोपीनाथ कविराज। तीर्थयात्रा-प्रहसनम् - रामकुबेर मालवीय । वाराणसी निवासी। दशरूपकतत्त्वदर्शनम् - डॉ. रामजी उपाध्याय। भारतीय संस्कृति संस्थान (इलाहाबाद) प्रकाशन । दुर्गास्तवमंजूषा - वसन्त त्र्यंबक शेवडे। संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड / 439 For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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