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रुचिकर सामग्री प्रकाशित होती थी। अर्थाभाव के कारण यह पत्रिका दूसरे वर्ष बन्द हो गई। सहायमाधवम् - ले.-म.म. रघुपतिशास्त्री वाजपेयी। ग्वालियर निवासी। यह एक कूट-या शास्त्रीय काव्य है। इस रचना के दो भाग हैं। वाजपेयी कृत हेमन्तो वसन्तः, समयडिंडिमः कौमुदीकुसुमम् और कलिकलकलः यह रचनाएं भी ग्वालियर में प्रकाशित हुई हैं। हेमन्तो वसन्तः में श्री माधवराव सिंधिया को ई.स. 30 जून 1886 में राज्याधिकार प्राप्त हुए, उस अवसर पर आयोजित खास राजदरबार का वर्णन किया गया है। रचना का समय है 15 दिसम्बर सन 1894। संकटासहस्रनामाख्यानम् - पद्मपुराणान्तर्गत। इसमें प्रत्येक श्लोक में देवी के आठ नाम है। संकर्षणचम्यू - ले.-लक्ष्मीपति । संकल्प-कल्पद्रुमम् (काव्य) - ले.- जीव गोस्वामी। ई. 15-16 वीं शती। संकल्पचन्द्रिका - ले -रघुनन्दन। संकल्प-सूर्योदयम् (प्रतीक नाटक) - ले.- आचार्य वेदांतदेशिक वेंकटनाथ। ई. 13 वीं शती। विशिष्टद्वैत मत के इस आचार्य ने अपने इस नाटक में शांत रस को सर्वश्रेष्ठ बतलाते हुए मोह की पराजय व विवेक की उन्नति दिखाई है। कृष्ण मिश्र द्वारा प्रबोधचंद्रोदय में प्रतिपादित सिद्धान्त का खंडन करने का प्रयास इस नाटक में हुआ है। संकल्पस्मृतिदुर्गभंजनम् - ले.-नवद्वीप के चन्द्रशेखर शर्मा। विषय- सभी काम्य कृत्यों के आरम्भ में किये जाने वाले संकल्प। तिथि, मास, काम्यकर्मणि संकल्प, व्रत नामक चार भागों में यह ग्रंथ विभाजित है। संकेतकौमुदी - ले.-हरिनाथाचार्य । (2) ले.- शिव। संकेतयामलम् - विषय- मारण, मोहन, उच्चाटन, विद्वेषण, स्तंभन आदि तांत्रिक षट्कर्मो की सिद्धि के उपायों का प्रतिपादन। संकोचक्रियाविधि - श्लोक- 2200। संक्रान्तिनिर्णय - ले.-गोपाल न्यायपंचानन। 3 भागों में पूर्ण। (2) ले. बालकृष्ण। संक्षिप्तनिर्णयसिन्धु - चैत्र से फाल्गुन तक के धार्मिक कृत्यों का संक्षिप्त विवेचन। यह निर्णयसिंधु पर आधृत है। संक्रान्तिविवेक - ले.-शूलपाणि । संक्षिप्तकादम्बरी - ले. काशीनाथ। बाणभट्ट की कादम्बरी का संक्षेप। संक्षिप्ततृचार्घ्यपद्धति - ले.- भास्करराय। श्लोक 150 । संक्षिप्तभागवतामृतम् - ले.-रूपगोस्वामी। ई. 16 वीं शती। श्रीकृष्ण विषयक काव्य। संक्षेपशंकरविजयम् - ले.-माधवाचार्य, (विद्यारण्य स्वामी)।
संक्षिप्तश्यामापूजापद्धति - ले.- पूर्णानंद । संक्षिप्त-सारव्याकरणम् - ले.- क्रमदीश्वर । ई. 14 वीं शती। इस का परिष्कार जुमरनन्दी ने किया है। संक्षिप्तहोमप्रकार - ले.-रामभट्ट । संक्षिप्ताहिकपद्धति - ले.-गोकुलजित्। दुर्गादत्त के पुत्र। सन 1633 ई. में रचित। संक्षेपशारीरक-व्याख्या - ले.-मधुसूदन सरस्वती। काटोलपाडा (या कोटलापाडा) बंगाल के निवासी। ई. 16 वीं शती विषय- अद्वैत वेदान्त। संक्षेपार्चन विधि - श्लोक- 5871 संक्षेपार्चा - विषय- सब देवी-देवताओं की संक्षेप में नित्य पूजाविधि तथा श्रीविद्या की संक्षेप में नित्य पूजाविधि भी उसके लिए निर्दिष्ट है, जो विस्तारपूर्वक उसका अनुष्ठान कराने में अक्षम हैं। अन्यथा श्रीविद्या का संक्षेपार्चन अनिष्टकारी होता है। संक्षेपाह्निकचन्द्रिका . ले.-दिवाकरभट्ट दिवाकर की आह्निकचन्द्रिका के समान ही इसका प्रतिपादन है। संख्यापरिमाणसंग्रह - ले.-केशवकवीन्द्र । वाराणसी में लिखित । ले. तीरभुक्ति (आधुनिक तिरहुत) के राजा की परिषद् के मुख्य पण्डित थे। स्मृतिनियमों के लिए तोल, संख्या एवं मात्राओं (यथा दातुन की लम्बाई , ब्राह्मणों के यज्ञोपवीत के सूतों की संख्या इ.) के विषय में इसमें चर्चा है। संगता (मेघदूत की व्याख्या)- ले.-हरगोविंद वाचस्पति । संगमनी - प्रयाग से प्रभातशास्त्री के सम्पादकत्व में यह पत्रिका प्रकाशित हो रही है। इसमें कतिपय पुस्तकों का प्रकाशन भी किया गया। संगरम् (दीर्घकथा)- ले.-चक्रवर्ती राजगोपाल। संगीत-कलानिधि - ले.-हरिभट्ट । संगीतकलिका - ले.-भीमनरेन्द्र। संगीतकल्पदुम - ले.-कृष्णानन्द व्यास। संगीतगंगाधर - ले.- काशीपति। संगीतगंगाधरम् (गेय काव्य) - ले.- नंजराज। मैसूर के द्वितीय कृष्णराज का सर्वाधिकारी। इसने शैव दर्शन पर 18 ग्रंथ लिखे हैं। संगीतचिन्तामणि - ले.-कमललोचन। संगीतचिन्तामणि - ले.- सन्मुख। पुराणों की पद्धति की रचना। शिव का पार्वती, नारद तथा अन्यों से संवाद । विषयसामगान का विवरण। संगीत-चूडामणि - ले.-जगदेकमल्ल (प्रतापचक्रवर्ती) शाङ्गदेव द्वारा उल्लिखित अभिनवगुप्त का अनुसरण करने वाला 5 अध्यायों की नृत्य-गीत विषयक ग्रंथ। संगीततरंग - ले.- राधामोहन सेन ।
संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड / 395
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