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श्रीबोधिसत्त्वचरितम् - ले.- डा. सत्यव्रतशास्त्री । दिल्ली-निवासी। 1000 श्लोक। 11 सर्ग। विषय- जातक कथान्तर्गत भगवान् बुद्ध के पूर्वजन्म की कथाएं। श्री-भाष्यम् - ले.- रामानुजाचार्य। ई. 1017-1137। ब्रह्मसूत्र (या शारीरकसूत्र) का अति उत्कृष्ट एवं पांडित्यपूर्ण भाष्य। इस भाष्य से आचार्य रामानुज की समग्र प्रतिभा तथा विद्वत्ता अपने पूर्ण रूप में प्रस्फुटित हुई है। श्रीभाष्यकारचरितम् - ले.- कौशिक वेंकटेश। रामानुजाचार्य का चरित्र। श्रीमतसारटिप्पनम् - श्रीमतसार पर किये गये टिप्पणों का यह संग्रह है। पटल-8। विषय- नौ सिद्ध, प्रत्येक सिद्ध की दो-दो शक्तियां तथा परमात्मा के शरीर की अकारादि वर्गों से रचना इ.। श्रीमतोत्तरतंत्रम् - ले.- श्रीकण्ठनाथ । श्लोक- 24000। पटल25 में पूर्ण। श्रीमन्त्रचिन्तामणि - ले.- दामोदर। श्लोक- 1020 । श्रीमन्महाराज-संस्कृत कॉलेज पत्रिका- सन 1925 में महाराज संस्कृत विद्यालय (मैसूर) से पण्डितरत्न लक्ष्मीपुर श्रीनिवासाचार्य के सम्पादकत्व में यह पत्रिका दस वर्षों तक प्रकाशित हुई। बाद में एस.बी. कृष्णमूर्ति ने इसका संपादन दस वर्षों तक किया। इसे मैसूर के महाराजा से अनुदान प्राप्त था। इसमें काव्य, नाटक, चम्पू आदि का प्रकाशन होता था। यह मूलतया साहित्यिक पत्रिका थी जिसमें अनेक चित्र-काव्यों का भी प्रकाशन हुआ। श्रीमल्लक्ष्यसंगीतम् - ले.- विष्णु नारायण भातखंडे। इ. 19-20 शती। श्रीमातुःसूक्तिसुधा - ले.- जगन्नाथ। पांडिचेरी अरविन्दाश्रम के निवासी। आश्रम की माताजी द्वारा लिखित फ्रेंच सुभाषितों का संस्कृत अनुवाद। श्रीमूलचरितम् - ले.- म.म. गणपतिशास्त्री। विषय- त्रावणकोर के राजवंश का वर्णन। श्रीरामकृष्ण-चरित्रम् - ले.- वेंकटकृष्ण तम्पी। श्रीरामचन्द्रोदयम् - ले.- वेंकटकृष्ण दीक्षित । श्रीरामचरितम् (गद्यात्मक ग्रंथ) - ले.- राधाकृष्ण तिवारी। सोलापुर निवासी। श्रीरामपद्धति - ले.- सहजानन्द शिष्य। श्लोक- 259 विषयश्रीरामचन्द्र की पूजाविधि। श्रीरामपादयुगुलीस्तव - ले.- स्वामी. लक्ष्मणशास्त्री। नागौर (राजस्थान) निवासी। श्रीरामविजयम् (नाटक) - ले.- रमानाथ मिश्र । रचना- सन 1940 में। अंकसंख्या- पांच। विषय- ताडका-वध से रावणवध
तक की घटनाओं का चित्रण। मूल रामायण की कथा में पर्याप्त परिवर्तन। बालेश्वर मण्डल संस्कृत नाट्यसंघ, बालेश्वर (उडीसा) से सन 1954 में प्रकाशित। (2) काव्य- ले.-सोंठी भद्रादि रामशास्त्री। समय- इ.स. 1856 से 1915। पीठापुरम् के निवासी। (3) ले.- अरुणाचलनाथ शिष्य। श्रीरामविलाप - ले.- पं.कृष्णप्रसाद शर्मा घिमिरे। काठमांडू (नेपाल) के निवासी। एक खंड काव्य। श्रीकृष्णचरितामृत महाकाव्य आदि आपकी 12 कृतियां प्रकाशित हुई हैं। कविरत्न एवं विद्यावारिधि उपाधियों से आप विभूषित हैं। 20 वीं शती के आप प्रथितयश संस्कृत साहित्योपासक हैं। श्रीरामविवाह - ले.- स्वामी लक्ष्मणशास्त्री । नागौर- (राजस्थान) निवासी। श्रीराममहाकाव्यम् - ले.-गुरुप्रसन्न भट्टाचार्य। ढाका विश्वविद्यालय तथा वाराणसी हिन्दु विश्वविद्यालय में संस्कृत प्राध्यापक । जन्म- सन 1882। श्रीलोकमान्यस्मृति (रूपक) - ले.- श्रीराम वेलणकर । प्रकाशन तथा अभिनय "तिलक स्मारक मन्दिर, पुणे' में सन 1970 में। अंकसंख्या- दो। लोकमान्य तिलक के केवल अन्तिम दृष्य इसमें हैं। श्रीविद्यागोपालचरणार्चनपद्धति - ले.-चिदानन्दनाथ। विषयपूजक के दैनिक कृत्यों से आरंभ कर त्रिपुरा और गोपाल इन दो देवताओं की सुयुक्त पूजापद्धति । श्रीविद्याटीका - ले.-अगस्त्य मुनि। श्लोक 144 । श्रीविद्यानित्यपूजापद्धति - ले.- साहिब कौलानन्दनाथ । श्रीविद्यान्यासदीपिका - ले.-काशीनाथ। श्लोक- 248 । श्रीविद्यापद्धति - ले.-प्रकाशानन्द। इ. 15 वीं शती । श्रीविद्यापद्धति - ले.-श्री निजात्मप्रकाशानन्द योगीन्द्र। गुरुज्ञानानन्द । श्लोक- 554। दो खण्डों में पूर्ण । विषय- षट्चक्रों में देवीपूजा के लिए निर्देश। श्रीविद्यापूजापद्धति - ले.-रामानन्द। श्लोक- 621 ।
2) ले.- श्रीकर। श्लोक 3000। पटल- 81 श्रीविद्या और भैरवप्रयोग श्लोक- 4371 श्रीविद्यामन्त्रदीपिका - ले.-भडोपनामक काशीनाथ। पिताजयरामभट्ट। विषय- त्रिपुरामन्त्र का अर्थ तथा देवता के यथार्थ स्वरूप के प्रतिपादक वाक्य, विविध मूल मन्त्रों से इसमें उद्धृत हैं। श्रीविद्यामन्त्ररत्नसूत्रम् - ले.-श्रीगौडपादाचार्य। गुरुश्रीशुकयोगीन्द्र । विषय- श्रीविद्यामन्त्र के प्रत्येक वर्ण का तान्त्रिक तात्पर्य उन वर्णो की प्रतिनिधी देवियां तथा शाक्त सम्प्रदाय के सिद्धान्त। श्रीविद्यामन्त्ररत्नसूत्रव्याख्या - श्लोक- 5001 श्रीविद्यारत्नदीपिका - ले.-शंकरारण्य। श्लोक- 1104 ।
384/ संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड
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