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: म.म.लक्ष्मण सूरि : अन्नदाचरण ठाकुर : गंगाधर कवि : परमानंद शर्मा
रामचंद्रोदय राघवोल्लास
--"-- बालराघवीय रमणीय-राघव अभिरामकाव्य रामकौतुक रामकथामृत रामगुणाकर रामविलासकाव्य रामचरित
: सूर्यनारायणाध्वरी : कामराज : काशीनाथ
रामायणसंग्रह रामाभ्युदव संगीतराघवम् मंथरादुर्विलसितम् मारीचवघम् मेघनादवधम् रावणवधम् सीतापरिणयम् सीतास्वयंवरम् वैदेहीपरिणयम्
इत्यादि इत्यादि... "रामायणीय चम्पूकाव्य"
चम्पूराघवम् रामायणचम्पू चम्पूरामायण रघुनाथविजयचम्पू रामचर्यामृतचम्पू रामचम्यू अमोधराघवचम्पू कुशलव-चम्पू रामकथा-सुधोदयचम्पू रामाभिषेकचम्पू सीताविजयचम्पू
रामलीलोद्योत रामाभिषकम् रामकाव्य
: कविवल्लभ : अद्वैतराम भिक्षु : पूज्यपाद देवानंद : शठगोपाचार्य : ब्रह्मदत्त : रामनाथ : रामकृष्णसुत कमलाकर : गिरिधरदास : रामदेव न्यायालंकार : हरिनाथ : काशीनाथ : मोहनस्वामी : युवराज रामवर्मा : बाणेश्वरसुत रमानाथ : केशव : रामानंद तीर्थ : बालकृष्ण : वेंकटेश : शितिकण्ठ : दामोदरस्त लक्ष्मण : गोपीनाथ : पुरुषोत्तम मिश्र : रामदास : सच्चिदानंद : मधुव्रत : श्रीधर : पात्राचार्य : नूतन कालिदास : रामचंद्र (पुल्लोलवंशीय) : अरुणाचलनाथ शिष्य
कृष्णशास्त्री : श्रीनिवास रथ : श्रीपतिगोविंद : गोपालशास्त्री : आनंद नारायण : राम पाणिवाद
रामाभ्युदयम् शितिकठ-रामायण रघुवीविलास रघुपतिविजय रामचंद्रोदय
: आसुरी अनन्ताचार्य : सुन्दरवल्ली : सीतारामशास्त्री : कृष्णकवि : कृष्णय्यगार्य : बंदलामृडी रामस्वामी : विश्वेश्वरपुत्र दिवाकर : वेंकटय्या सुधी : देवराज देशिक : देवराज देशिक : रामचंद्र : विश्वनाथ : राम . : राघव , ब्रह्मपंडित : राघवभट्ट : भगवन्त : लक्ष्मणदान्त : रामानुज : वल्लीसहाय : गुण्डुस्वामी शास्त्री : रघुनाथ : नृसिंह : वेंकटकृष्ण/ इत्यादि।
रामचंद्रमहोदय रामरत्नाकार रामरसामृत रघुनंदनविलास विक्रमराघवीय पौलस्त्य-राघवीय श्रीरामविजय बालरामरसायन ललितराघव जानक्यानंदबोध सीतारामाभ्युदयम् राघवचरित राघवीयम्
रामाभ्युदयचम्पू उत्तरकाण्डचम्पू उत्तरचम्पू
अभिनवरामायणचम्पू रामायणचम्पू काकुत्स्थविजयचम्पू सीताचम्पू मारुतिविजयचम्पू
आंजनेयविजयचम्पू उत्तरचम्पूरामायण
रामकथा विषयक 30 से अधिक अवाचीन संस्कृत नाटकों की नामावली इसी पर्यालोचनके नाट्य वाङ्मय विषयक प्रकरण में दी है। अतः उसका उल्लेख यहाँ आवश्यक नहीं है।
रामायण विषयक अर्वाचीन संस्कृत साहित्य के अतिरिक्त प्राचीन या मध्ययुगीन काल में लिखित रामायणीय साहित्य का प्रमाण भी काफी बड़ा है। प्रस्तुत संस्कृत वाङ्मय कोश में यथास्थान उन सभी महत्त्वपूर्ण काव्यों, नाटकों आदि का संक्षेपतः परिचय दिया गया है।
80/ संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथकार खण्ड
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