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(iv)
प्रयोग है। संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी और अंग्रेजी का। जिन्हें आदर देना चाहता हूँ वे आदर एवं सम्मान के शिरमोर हैं वामन आप्टे, शिवप्रसाद भारद्वाज आदि महामन, जिनके शब्दसागर के शब्दों ने इस शब्दकोश को गति दी।
मैं बार-बार श्रद्धा से नत हूँ उन सभी शब्द कोशकारों के चरणों में जिनकी शब्द शक्ति ने ऐसी अभिव्यक्ति दी। उनके प्रकाश से प्रकाशित यह शब्दकोश संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी और अंग्रेजी से युक्त सभी के लिए उपयोगी होगा। ____ मैं इस शब्दसागर में स्नात हुआ हूँ प्रो० कमलचन्द्र सोगानी प्रो० भागचंद्र, प्रो० प्रेमसुमन जैन, प्रो० के० आर० चन्द्रा भाई हुकमचंद जैन आदि के शब्दप्रसूनों से। घर के परिजन माया जैन, पुत्री पिऊ जैन, मनीष मेहता, अहँ एवं पुत्री प्राची के पावन भावों से श्रुतज्ञान की वृद्धि की कामना करता हूँ।
डॉ० उदयचन्द्र जैन
861 पिऊ कुंज अरविंदनगर, उदयपुर
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