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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कृत-प्राकृत-हिन्दी एवं अंग्रेजी शब्द कोश 329 विविहा, तेणं कारणेणं इंदिय-मणो त चवल-चंचलोणाणाविह-विसय-गय-वासणेसुं पउत्त जाओ, तस्स सम्म जम दमणं चं इंदियसंजमो। • इदिय-संजमो त्ति अप्प-गुणं इंदियाणं विसया सद्द-रुव-रस-गंध-फास विसयणाणं तस्स पच्चक्खं इंदियपच्चक्खं । इन्द्रिय-प्रमादः-इंदियप्पमाओ (पु०) इन्द्रिय प्रमाद। organ fault इन्द्रिय-प्रमोदः-इंदियप्पमोओ (पु०) इन्द्रिय facerii organ of subject. इन्द्रिय-भावः-इंदिय-भावो (पु०) इन्द्रिय परिणाम। ___organ nature. इन्द्रिय भेदः-इंदिय भेओ (पु०) इन्द्रियों के भेद • नाना प्रकार की इन्द्रियां। Kird of organs. इन्द्रिय-भोग:-इंदिय-भोगो (पु.) A hachment of organs • इन्द्रिय विषय का आकांक्षा। • इन्द्रियगत भोग। इन्द्रिय-वश:-इंदिय-वसो (पु०) इन्द्रियाधीन • इंद्रिय के विषय में लीन। attachment of organs. इन्द्रिय-विषय:-इंद्रियविसयो (पु०)of organs. • इन्द्रियों की आसक्ति Attaachment of organs. • स्पर्श-हल्का , भारी, रूखा-चिकना, कड़ा-नरम, ठंडा-गरम। • रसना, खट्टा, मीठा, कड़वा, चटपट और कषायल • घ्राण- सगंध और दुर्गन्ध। . चक्षु-नीला, पीला, हरा, सफेद, और लाल।. कर्ण-शब्द-प्रशस्तशब्द और अप्रशस्त शब्द।. स्पर्शन इन्द्रिय से हस्ति वध। • रसना-इन्द्रिय से मत्स्य वध। • घ्राण इन्द्रिय से भ्रमर वध। • चक्षु इन्द्रिय से पतंगे वध। . कर्ण इन्द्रिय से हिरण वध। इन्द्रियवृत्तिः-इंदिय-उत्ति (स्त्री०) पांचों इन्द्रियों की प्रवृत्ति। Power is the organs ense. इन्द्रिय-शक्तिः -इंदिय सत्ति (स्त्री०) इन्द्रिय बल। power the senses. इन्द्रिय-संयमः-इंदिय-संजओ (पु०) Power of organ. • इंद्रिय विषय की निवृत्ति |rstraint of senses, • पांच इंद्रिय और मन का निरोध। Restrant of five argans and mind. • राग-द्वेष, मोहादि कारणों का दमन। • फास-रसण-घाण-चक्खु, कण्णस्स बिसया इन्द्रिय-सुखम्-इंदिय-सुहं (नपुं०) organ happy... • इन्द्रियों से सम्बन्धित सुख। • इंद्रिय सुख तो नोकषाय और अन्तराय की प्रकृतियों एवं सानाकर्म आदि प्रकृतियों के उदय से उत्पन्न होता है। • इन्द्रिय सुख अर्थात् इन्द्रिय तोष संसार का कारण है, उसमें जो प्रवृत्ति होती है, वह यथेष्ट नहीं है। इन्द्रिय-हितम्-इंदियहियं (नपुं०) इन्द्रिय हित Plessantoforgan. • विषय जनित सुख । इन्द्रियाधार:-इंदियाहारो (पु०) पांच इन्द्रियों के कारण। eause of five organs इन्द्रियाधीनम्-इंदियाहीणं (नपुं०) इन्द्रिय विषयों के आधीन। Attachment of organ's इन्द्रियायतनम्-इंदियाअयवं (नपुं०) शरीर, देह। Body. इन्द्रियासंयमः-इंदियासंजमो (पु०) इन्द्रियों की स्वच्छंद प्रवृत्ति Organ'snatare of roccndable. इन्ध-इंध (सक०) जलाना, भस्म करना, प्रज्वलित To ftame करना। अग्नि उत्पन्न करना। to be lighted to blaze. इन्धः-इंधो (पु०) इंधन, लकड़ी। Kindling. ___lighting fuele. wood. इन्धनम्-इंधणं (नपुं०) ईंधन, लकड़ी। Fuel and wood. इभः-इओ (पु०) हस्ति, करि, गजIAnelephant. इभकणा-इभकणा (स्त्री०) पीपल। A kind of trce. इभ-वर्ण:-इभ-कण्णो (पु०) हस्ति कर्ण। Elephant इभ कुम्भ:-इभकुंभो (पु०) हस्ति कुंभ, हाथी का मस्तक। elephant head. इभ-निमीलिक इभ-णिमीलिग (वि.) बुद्धिमता, धीमान्। Knowledge ful. इभपुत्र:-इभपुत्तो (पु०) हस्ति शावक। A young For Private and Personal Use Only
SR No.020644
Book TitleSanskrit Prakrit Hindi Evam English Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2011
Total Pages611
LanguageSanskrit, Hindi, Prakrit, English
ClassificationDictionary
File Size17 MB
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