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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कृत-प्राकृत-हिन्दी एवं अंग्रेजी शब्द कोश 297 आर्जवम् - • रिजु ति अवक्कतं मणोवय - वायाणं। • अज्जवं च हवे तस्स जस्स चिते ण वंकम काय-मण - वए किंचिंण कोटिल्लं ण जंपए।।, • अज्जवो य अमाइत, . माया-भावं-विवज्जेज्जं चरेइ चित - मंगले। मंगं आमोद - णंदतं दाएज्जं सरलत्तणं।। रिजु त्ति तिय-जोगाओ अंते कुडिल-मुत्तगो।।गोवेज्जं च णियं दोसं सरलतंण- सागरं ।। • स्पष्टता, सद्व्यवहार, सदाचरण, निष्कपया, • अवक्रता, अकुचिटलता,• मायाभाव विवर्जित, सीधापन। आर्त, अत्त/अट्ट, वि० पीड़ित, दु:खी, afflicted, pained, • अशान्त, खिन्न, • व्याकुल, unhappiness, pained, • अस्वस्थ, disease, • संक्लेश, वेदना, • संताप, pain, distress, • ऋत दुःखं तत्र भवर्मातम्। यद्वा अर्तिः पीडा यातन च तत्र भवमार्तम्। (जैन० ल० 3/73), • नाद, एक प्रकार की दुःखित ध्वनि, a sound, • रोग, desease. आर्तक्रिया, अकिरिया, स्त्री० दःख पूर्ण कार्य.. संक्लेश भाव, a painful work, pained nature. आर्त-गात्रम्, अट्टगत्तं, नपुं० संताप युक्त देह, • दुःखजन्य देह, पीड़ा जनित देह, painful body, painful body, आर्त-घोषः, अट्टघोसो, पुं० आर्त ध्वनि, • संक्लेश, परिणाम की प्रतीति, painful sound, having of painful nature. आर्तचित्तम्, अट्टचित्तं, नपुं० दुःखी मन, संतप्त चित्त, pained mind, • अशान्त मन, faultful mind. आर्त-जन्य, अट्टजण्ण, वि० दुःखी, पीड़ित, व्याकुलित, ____pained. आर्तध्यानम्, अट्टज्झाणं, नपुं० ध्यान का प्रथम भेद आर्तध्यान, a kind of Aartadhayana, • अमनोज्ञ के संयोग होने, इष्ट वियोग होने आदि बार उसकी प्राप्ति, पीड़ा, निदान आदि आर्तध्यान है। • जहाँ संक्लेश परिणामों का अध्यवसाय होता है, वहाँ आर्तध्यान होता है। . अधिक से अधिक दुःख के भाव उत्पन्न होना। संकिलिट्ठज्झवस्सतो कसाअ-सहियो अर्ल्ड रिउं दुक्खं च जस्सत्थ अट्टज्झाणं च जायए।। . अमणुण्णे य इट्ठए विजोगे वि णिदाणए।। सरेज्जमण - विखिते संताव-वेयणा हवे।। • रिउ ति दुहं तस्स णिमितंच तत्थ भवं अट्रज्झाणं। • रिउति वेयणा - पीड़ा - संतान - संकिलेत अट्टिभाव - कसाथ - संजोगाई - कारणाओ। आर्तनादः, अट्टझाणं च, अट्टणाओ, पुं० दुःख युक्त ध्वनि, a cry of person in distress. आर्त-प्रयत्नः, अट्टपजण्णो, पुं० आर्त का योग, दुःख का समव्यवहार, पीड़ा जनित समावेश, yoking of distress, related of pain. आत-भावः, अट्टभावो, पुं० दुःखभाव, पीड़ा जन्य परिणाम, painful nature, • वेदना परिणति। आतं-मणुजः, अत्तमणुजो/अट्टमणुजो, पुं० दुःखी मनुष्य, • पीड़ा जन्य व्यक्ति रोग ग्रसित मानव, pained man, diseaseness man. आत-योगः, अट्टजोगो, पुं० दुःख का संयोग, वेदना का समागम, relation of pain, • रोग का होना, बाधा उपस्थित होना, being of pain, being of disease, being fault. आर्त-रुदनम्, अट्टरुदणं, नपुं० संताप युक्त रोना, • इष्ट वियोग में पीड़ित होकर रोना, painful. आर्तिः, अट्टि, स्त्री० पीड़ा, वेदना, दुःख, धनुष का सिरा, मानसिक वेदना, pain, injury, sickness. आर्थ, अत्थ, वि० अर्थाधीन, • सम्पत्ति से प्रयोजन रखने वाला, • याचक, भिक्षुक, related of wealth, begger. आर्थिक, अत्थिग, वि० धन संबंधी, related of wealth, • धन युक्त, • सार्थक, • प्रयोजन भूत, तथ्य पूर्ण, wealthful, useful, . आधारभूत, वास्तविक, supported, • लेन-देन संबंधी, related with taking and giving. आई, अद्द, वि० गीला, तर, • मुलायम, कोमल, wet, • नमीयुक्त, • अशुष्क, ताजा, soft, passionate, fresh. For Private and Personal Use Only
SR No.020644
Book TitleSanskrit Prakrit Hindi Evam English Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2011
Total Pages611
LanguageSanskrit, Hindi, Prakrit, English
ClassificationDictionary
File Size17 MB
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