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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 190 संस्कृत-प्राकृत-हिन्दी एवं अंग्रेजी शब्द कोश अर्थनादः, अत्थणाओ, पुं० वर्णों का नाद, स्वरागत अर्थरुचिः, अत्थरुइ, स्त्री० तत्व रुचि, वस्तु स्वरूप संगीत दृष्टि, sound of words. के प्रति श्रद्धा भाव। आप्त, आगम, आदि के अर्थनिबन्धनम्, अत्थणिबंधणं, नपुं० अर्थ संग्रह, अर्थ पर श्रद्धा, उसके रहस्य पर प्रसन्नता होना। परिग्रह, संचय। धनाश्रय। धनग्रहण। अर्थलोभः, अत्थलोहो, पुं० धन की लालसा, धनेच्छा, accumulation of wealth, taking of धन-सम्पत्ति का संग्रह करना। greed of wealth. money, taking of anything, अर्थ निश्चयः, अत्थ-णिच्छओ, पं० अर्थ निर्धारण, without aim,• परिग्रह बढ़ाना। cleanness of meaning, • आप्त एवं अर्थवादः, अत्थवाओ, पुं० प्रशंसा, mere praise, आगम के अनुसार अर्थ - विवेचन को स्पष्ट • तत्त्वश्रद्धा। पदार्थ या वस्तु का यथार्थ विवेचन, करना, visibility of the objects explanation of the everything. described with Aapta and __ अर्थविकल्पः, अत्थवियप्पो, पुं० अर्थ तोड़ना, वस्तु Aagamas. तत्त्व के रहस्य के प्रति विकल्प रखना, अर्थ अर्थनिर्यापणा, अत्थ-णिज्जावणा, स्त्री० सूत्रार्थ का प्रयोजन में दोष लगाना, knowing of निर्वाह, • अर्थ निर्णय तक पहुँचना, • सूत्र के faultful words, unknowing the अभिधेय को समझाना।knowing ofobject meaning of a word. अर्थविज्ञानम्, अत्थ-विण्णाणं, नपुं० अर्थशास्त्र, cause. अर्थपतिः, अत्थवइ, पुं० कुबेर, धनपति, राजा। विनिमय-व्यावार आदि का विज्ञान। यथार्थ Kubera-lord of wealth a rich जानने का संकल्प, economics, treatise person. on practical life,• संसय-विपज्जयासअर्थपदम्, अत्थपअं, नपुं० अर्थो पलब्धि, मोहाओ विप्पमुत्तं काऊण वत्थसरुव- सम्म - knowledge of meaning, • अर्थ णाणं। परिज्ञान। जेतिएहिं अक्खरेहिं अत्थोवलद्धी होदि अर्थ-विनयम्, अत्थ-विणअं, नपुं० आसन देना, तं अत्थपदं। (धव० 9/196),• उदाहरण सहित सम्मान करना, giving seat, giving अर्थ एवं उसके पद का विवेचन | giving of respect, • स्थित रहना, समीप उपस्थित होना, with reference purpose and thing. standing, • धन-सम्पत्ति प्राप्ति हेतु विनय, अर्थपर्यायः, अत्थ-पज्जाओ, पुं० वृद्धि-हानि रूप standing of wealth cause, • वस्तु पर्याय। अगुरु-लघु रूप पर्याय । turning of स्वरूप के ज्ञाता के प्रति विनय। standing growing-ungrowing. of thing known. अर्थप्रयोगः, अत्थपजोगो, पुं० ब्याज पर धन देना, अर्थव्यञ्जनम्, अत्थविंजणं, नपुं० नैगम नय का भेद ___asury, investment. - जिसमें अर्थपर्याय और व्यञ्जनपर्याय सम्बन्धी अर्थप्राप्तिः, अत्थपत्ति, स्त्री० धन प्राप्ति, • रहस्य निर्णय होता है। cleanness of meaning, की जानकारी, विषयगत विवेचन की प्ररुपणा। who naya Arthavayanjana. अर्थवेत्ता, अत्शवेत्ता, वि० अर्थशास्त्र का ज्ञाता, know of wealth, taked of subjectful. known of economics, • धन-संपत्ति से अर्थभारः, अत्थभारो, पुं० धनसंग्रह, परिग्रह। संचयन। भिज्ञा अर्थशास्त्र वेत्ता,. वस्तु स्वरूप को जानने धन को बोझ, accomulation of wealth. वाला, knowing of real thing, • पदार्थ अर्थभृत्, अत्थभिअ, पुं० वेतन भोगी, भृत्य, नौकर, या तत्व की वास्तविकता को अभिव्यक्त करने payable servant. वाला। For Private and Personal Use Only
SR No.020644
Book TitleSanskrit Prakrit Hindi Evam English Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2011
Total Pages611
LanguageSanskrit, Hindi, Prakrit, English
ClassificationDictionary
File Size17 MB
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