SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 203
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra संस्कृत - प्राकृत-हिन्दी एवं अंग्रेजी शब्द कोश कथन । धनोपार्जन संबंधी कथा, propertyful thought. अर्थकर, अत्थयर, वि० लाभदायक, प्रयोजन भूत । उचित भाव युक्त, purpose ful. अर्थकरणम्, अत्थकरणं, नपुं० नाना प्रकार के उपायों का प्रयोजन, purpose of many kind अर्थकर्ता, अत्थ-कत्ता, वि० द्वादशांग के विषय का www.kobatirth.org विवेचन करने वाला, Aagam's thought. अर्थनाम:, अत्थनामो, पुं० कृपण, कंजूस, धनेच्छुक, वित्ताभिलाषी, a miser, desirous of wealth of wealth, a greedy. अर्थकुलः, अत्थकुलो, पुं० धनसंचय, परिग्रह, इच्छा, आसक्ति, earning of property. अर्थक्रिया, अत्थकिरिया, स्त्री० सार्थक कार्य का कारण । • अर्थस्य ज्ञानस्य क्रिया करणं निष्पत्तिः (जैन० 127), • पयोजण भूअ - करणं किरिया । वत्थुतच्च णिप्फती किरिया, cause of wealthful work, cause of knowledge. अर्थगौरवम्, अत्यगारवं, नपुं० पदार्थ या वस्तु तत्त्व की गंभीरता । अर्थ की महत्त्वपूर्ण प्रतिपत्ति । depth of meaning, importance of money. · अर्थहन्, अत्थण्ण, वि० व्यय युक्त, अर्थ का अपव्यय, wasting money, extravagent. अर्थचर, अत्थचर / अत्थअर, वि० अर्थ का चलायमान होना। धन का चलना । going to aim, going of wealth, • अर्थ - विषयगत एवं प्रयोजन भूत रहस्य की ओर चर- गति करने वाला। • अत्थेसु पयोजण भूअ विसएसुं अत्त आगमसिद्धंत रहस्सेसुं पठति जुतो । अर्थज, अत्थज, वि० अर्थ - आप्त आगम के रहस्य को आधार बनाने वाला, consideration of Aapta-Aagama's purpose. अर्थजम्, अत्थजं, नपुं० अर्थज सम्यग्दर्शन, • अर्थमात्र से वस्तु तत्त्व के प्रति श्रद्धान उत्पन्न करने वाला, understanding the matter with wealth only. अर्थजात, अत्थजाउ, वि० रहस्य को प्राप्त, प्रयोजन - - - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 189 भूत कारणों में प्रवृत्त हुआ । gone of real nature, gone in aimful causes. अर्थजातिः, अत्थ-जाइ, स्त्री० धन संग्रह, • पदार्थ की उत्पत्ति wealth collection, born of objects. अर्थतस्, अत्थओ, अव्य० अर्थात्, या, माने, or. अर्थद, अत्यअ, वि० धन देने वाला, वित्तदाता । द्रव्य प्रदाता, given up wealth. अर्थदण्डः, अत्थदंडो, पुं० प्राणी पीडाजनक प्रारंभ, अनर्थदण्ड, निष्प्रयोजन सताना, अत्यो ति आरंभी तस्स दंडो णिगाहो वहो विणासो धाओ ति । beginning of life painful. अर्थदानम्, अत्थदाणं, नपुं० धनदान, वस्तु का दान | अर्थ संग्रह, परिग्रह, given of things. अर्थदूषणम्, अत्थदूसणं, नपुं० अन्याय से धन कमाना । व्यर्थ का परिग्रह रखना, earning with faultful wealth, • अति व्यय करना, takin of wealth of without aims, ⚫ अपव्यय करना। अयोग्य पात्र को धन देना । अर्थदोष:, अत्थदोसो, पुं० तत्त्व में त्रुटि, जीव को अजीव, अजीव, को जीव मानना, fault of matter, • अर्थ में दोष करना A literary fault | अपव्यय । अधिक संचय, अर्थ- धन का समुचित उपयोग नहीं करना, doing not use of wealth. अर्थनयः, अत्थणओ, पुं० वस्तु को विषय करने वाला नय, subject ful naya, • नैगम, संग्रह, व्यवहार और ऋजुसूत्र ये चार अर्थनय हैं। • अर्थ को अर्थात् वस्तु के प्रयोजन को विषय बनाने वाले नय । • भेद से अभिन्न वस्तु का ग्रहण । • सद्दत्थ - णिरवेक्खा अत्थणया (ज० ध० 1 / 223 ), • शब्द के अर्थ का निरपेक्ष ग्रहण, • अभेद रूप से सम्पूर्ण वस्तु स्वरूप का ग्रहण, • अत्थपसुहो णओ अत्थणओ, a naya, one understanding the cause. For Private and Personal Use Only अर्थना, अत्थणा, स्त्री० प्रार्थना, अनुनय, विनय । याचना, मांग, prayer, request.
SR No.020644
Book TitleSanskrit Prakrit Hindi Evam English Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2011
Total Pages611
LanguageSanskrit, Hindi, Prakrit, English
ClassificationDictionary
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy