________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 970 ) करना, आज्ञा मानना, अप-, 1. मड़ जाना, पीठ | निकलना 3. होना, घटित होना, आ पड़ना 4. आरंभ मोड़ना --तस्मादपावर्तत दूरकृष्टा नीत्येव लक्ष्मी: करना, शुरू करना, (प्राय: तुमुन्नन्त)-हन्त प्रवृत्तं प्रतिकूलदेवात्-रधु० 6 / 58, 7 / 33 2. व्यत्यस्त या संगीतक-मालवि० 1, कु० 3 / 25 5. प्रयत्न करना, व्युत्क्रान्त होना, उलटा हो जाना-कि० 12 / 49 जोर लगाना--प्रवर्ततां प्रकृतिहिताय पार्थिवः- श० 3. मुंह नीचे कर लेना -- मा० 3 / 17, (प्रेर०) एक 7 / 35 6. अमल करना, अनुसरण करना, पंच. ओर हो जाना, झुकना : मा० 1140, कि० 4 / 15, / 11116, 7. कार्य में लगना, व्यस्त होना,---श०१, अभि---, 1. पहुँचाना, जाना, निकट होना, समीप कु० 5 / 23 8. करना, कार्य में लगना--श० 6, होना, मुड़ना-इत एवाभिवर्तते-श० 1, रघु. 9. व्यवहार करना 10. व्याप्त होना, विद्यमान होना 2 / 10 2. आक्रमण करना, धावा बोलना, टूट पड़ना -- राजन् प्रजासु ते कश्चिदपचार: प्रवर्तते-रघु० -कि० 1313 3. आरम्भ करना, (दिन), निकलना 15 / 47 11. ठीक उतरना 12. बिना रुकावट के 4. सर्वोपरि होना, सबसे ऊपर होना 5. होना, मौजूद प्रगति करना, फलना-फूलना,-भग०१७।२४, मनु० होना, घटित होना, मा-,1. चक्कर खाना 2. वापिस 3 // 61, (प्रेर०) 1. प्रगति करना, जारी रखना आना-रषु० 1689, 2019 3. पास जाना, 4. बेचैन -मुद्रा० 1 2. सूत्रपात करना 3, जारी करना, होना, चक्कर खाना-मा० 1141, उद-1. चढ़ना 2.उदित स्थापित करना, बुनियाद रखना 4. हांकना, प्रेरित होना, बढ़ना 3. घमंडी या अभिमानी होना 4. उमड़ना, करना, उकसाना, उद्दीप्त करना 5. उन्नति करना, बह निकलना-उवृत्तः क इव सुखावहः परेषाम् प्रगति करना, प्रतिनि--, 1. पीठ मोड़ना, लौटना -शि० 8118, मुद्रा० 338, रघु० 7.56, उप--, -गत्वेव पुनः प्रतिनिवृत्तः श० 1229, विक्रम 1 1. पहुंचना 2. लोटना नि.-, 1: वापिस आना, 2. चक्कर काटना, वि, 1. मुड़ना, लुढ़कना, लोटना - न च निम्नादिव सलिलं निवर्तते मे ततो चक्कर काटना, घूमना - मा० 1140 2. एक ओर हृदयम् --श० 331, कु०४।३०, रघु० 2 / 43, भग० हो जाना, झुकना-रघु० 6 / 16, श० 2 / 11 3. होना, 8 / 21, 15 / 4 2. भाग जाना, पलायन करना--भट्टि. घटित होना, विनि--, 1. लौटना 2. रुक जाना, 5 / 102 3. मुड़ जाना, आंखें फेर लेना-रघु० अन्त होना-भ० 2 / 59, मनु० 5 / 7 3. हाथ खींचना, 5 / 23, 7261 4. अलग रहना प्रसमीक्ष्य निवर्तेत मुड़ जाना, अलग रहना--देवनात्, युद्धात् आदि, सर्वमांसस्य भक्षणात् --मनु० / / 49, 1153, भट्टि | विपरि--, चक्कर काटना (आलं. से भी) भग० 1118, निवृत्तमांसस्तु जनकः-उत्तर०४ 5. मुक्त | 9 / 10, व्यप-, 1. लौटना, वापिस मुड़ना-चेतः कथं होना, बच निकलना-भग० 1239 6. बोलना बन्द कथमपि व्यपवर्तते–मा० 118 . हाथ खींचना कर देना, रुक जाना, ठहर जाना 7. हट जाना, अन्त छोड़ देना उत्तर० 5 / 8, ध्या-, 1. वापिस होना, होना, बन्द हो जाना, अन्तर्धान होना- भग० 2 / 59, मुड़ना सहभुवा व्यावर्तमाना ह्रिया-रत्न. 2 14122, मनु० 113185, 186 8. रुकवाना, निक- 2. मुड़ना, हटना, उलट होना-विषयध्यावृत्तकोतूहल: लवाना, (प्रेर०) 1. लौटाना, वापिस भेजना र१० -विक्रम. 119, (प्रेर०) प्रतिबन्ध लगाना, सीमित 2 // 3, 3 / 47, 744 2. वापिस लेना, दूर रहना, करना, निकाल देना, गिरफ्तार करना-तु शब्दः मुड़ जाना, मन फेर लेना - रघु० 2 / 28, कु० 5 / 11, पूर्वपक्षं व्यावर्तयति --शारी०. अपवाद इवोत्सर्ग निस्-, 1. समाप्त होना, अन्त होना, ..भट्टि० व्यावर्तयितुमीश्वरः रघु० 1517, सम्, 1. होना, 8 / 69 2. संपन्न होना-रघु०१७।६८, मनु० 7 / 161, घटित होना-ते यथोक्ताः . संवत्ता:-पंच० 1 3. रुक जाना, न होना,-भट्टि० 16 / 6, (प्रेर०) 2. पैदा होना, उदय होना, फटना, निकलना 3. षटित 1. सम्पन्न करना, निष्पन्न करना, समाप्त करना, पूरा होना, आ पड़ना 4. सम्पन्न होना / करना-रघु० 2 / 45, 3333, 11 // 30, परा- वृत (भू० क० कृ०) [+त] 1. छांटा गया, चुना गया लौटना, वापिस आना, परि-, 1. घूमना, चक्कर 2. ढका गया, पर्दा डाला गया 3. छिपाया गया खाना-कु० 116 2. इधर-उधर भ्रमण करना, 4. घेरा गया, लपेटा गया 5. सहमत या सम्मत इधर-उधर आना जाना 3. बदलना, विनिमय करना, 6. किराये पर लिया गया 7. बिगाड़ा गया, विषाक्त अदला-बदली करना 4. पीठ मोड़ना रघु० 4 / 72, किया गया 8. सेवित, सेवा किया गया / विक्रम० 1117 5. होना, आ पड़ना-मा० ९८/वृतिः (स्त्री०) [+क्तिन्] 1. छांटना, चुनना 2. छिपाना, 6. क्षीण होना, नष्ट होना, लुप्त होना---मा० 10 // 6, ढकना, गुप्त रखना 3. याचना करना, निवेदन करना प्र-, 1. आगे चलना, चलते जाना, प्रगति करना, 4. अनुरोध, प्रार्थना 5. घेरना, लपेटना 6. झाडबंदी, पंच०. 1681 2. उदित होना, उत्पन्न होना, फूट बाड़, बाड़ा-मेष०७८ For Private and Personal Use Only