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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विवधिकः [विवध+ठन] 1. बोझा ढोने वाला, कुली / भंवर 2. इधर उधर लुढ़कना, करवटें बदलना --श० 2. फेरी वाला, आवाज लगा कर बेचने वाला। 5 / 6 3. पीछे लढकना, लौटना 4. नीचे की लड़कना, विवरम् [वि+वृ+अच्] 1. दरार, छिद्र, रन्ध्र, खोखलापन, उतरना 5. विद्यमान रहना, दृढ़ रहना 6. ससम्मान रिक्तता - यच्चकार विवरं शिलाघने ताडकोरसि स अभिवादन 7. नाना प्रकार की सत्ताओं व स्थितियों में से रामसायक: रघु० 11118, 9 / 61, 1947 गुजरना 8. परिवर्तित दशा-उत्तर०४।१५, मा०४।७। 2. अन्तःस्थान, अन्तराल, बीच की जगह श० 717 | विवर्षनम् [वि-+-वृध् + ल्युट ] , 1. बढ़ना 2. वृद्धि, 3. एकान्त स्थान कि० 12 / 37 4. दोष, त्रुटि, वन, बढ़ती 3. विस्तार, अभ्युदय / ऐब, कमी 5. विच्छेद, घाव 6. 'नौ' की संख्या। विवर्षित (भू० क. कृ०) [वि.+वृष ।-क्त ] 1. बढ़ा सम०-नालिका बंसरी, बंसी, मुरली। हुआ, वृद्धि को प्राप्त 2. प्रगत, प्रोन्नत, आगे बढ़ाया विवरणम् [वि++ल्युट ] 1. प्रदर्शन, अभिव्यंजन, हआ 3. संतप्त, संतुष्ट / उद्घाटन, खोलना 2. अनावृत करना, खुला छोड़ना | विवश (वि.) [वि-+वश+अच ] 1. अनियन्त्रित, जो 3. विवृति, व्याख्या, वृत्ति, टीका, भाष्य / वश में न किया गया हो 2. लाचार, आश्रित, अधीन, विवर्जनम् [वि+व+ ल्युट ] छोड़ना, निकाल देना, दूसरे के नियन्त्रण में, असहाय-परीता रक्षोभिः परित्याग करना याज्ञ० 11181 / श्रयति विवशा कामपि दशाम् -भामि० 1 / 83, मुद्रा० विजित (भू. क० कृ०) [वि+व+क्त ] 1. छोड़ा 6 / 18, शि० 20158, हि० श१७२, महावी० 632, हुआ, परित्यक्त 2. परिहृत 3. वञ्चित, विरहित, के 63 3. बेहोश, जो अपने आपको काबू में न रख सके विना (प्रायः समास में) 4. प्रदत्त, वितरित / - विवशा कामवविबोधिता-१० 41 4. मृत, विवर्ण (वि०) [ विगत: वर्णो यस्य-प्रा. व.] 1. नष्ट–उपलग्यवती दिवश्च्युतं विवशा भापनिवृत्ति बिनारंग का, निष्प्रभ, पाण्ड, फीका-नरेन्द्रमार्गाद्र कारणम् -- रघु० 8182 3. मृत्युकामी, मृत्यु की इथ प्रपेदे विवर्णभावं स स भूमिपाल:-रघु० 6 / 67 आशंका करने वाला। 2. जिस पर कोई रंग न चढ़ा हो, निर्जल, श० 3 / 14, | विवसन (वि.) [ विगतं वसनं यस्य -- प्रा० ब०] नंगा, 3. नीच, दुष्ट 4. अज्ञानी, मूढ, निरक्षर, र्षः जाति- विवस्त्र,-नः जैन साधु / बहिष्कृत, नीच जाति से संबंध रखने वाला। विवस्वत (0) [विशेषेण वस्ते आच्छादयति-वि+वस् विवर्तः [ वि+त+घञ 11. गोल चक्कर खाना, चारों +क्विप्+मतुप्] 1. सूर्य-स्वष्टा विवस्वंतमिवो ओर घूमना, भंवर 2. आगे को लढकना 3. पीछे को ल्लिलेख कि० 17148, 5 / 48, रघु० 10130, 17 // लढकना, लौटना 4. नृत्य 5. बदलना, सुधारना, रूप 48 2. वरुण का नाम 3. वर्तमान मनका नाम 4. देव में परिवर्तन, बदली हुई दशा या अवस्था-शब्दब्रह्म- 5. अर्क का पौधा, मदार। णस्तादृशं विवर्तमितिहासं रामायणं प्रणिनाय उत्तर विवहः वि+वह+अच] आग की सात जिह्वाओं में 2, एको रसः करुण एव निमित्तभेदाद्भिन्नः पृथक से एक। पृथगिवाश्रयते विवर्तान उत्तर० 3147, महावी० | विवाकः [विशिष्टो वाको यस्य-प्रा० ब०] न्यायाधीश, 5 / 57 6. (वेदान्त० में) एक प्रतीयमान भ्रान्तिजनक तु० 'प्राविवाक' / / रूप, अविद्या या मानव की भ्रांति से उत्पन्न मिथ्या | विवादः [वि-वद्+घा] (क) कलह, प्रतियोगिता, रूप, (यह वेदान्तियों का एक प्रिय सिद्धांत है जिनके संघर्ष-विषय, शास्त्रार्थ, विचारविमर्श, वाद-विवाद, अनुसार यह समस्त संसार एक माया है मिथ्या झगड़ा, संघट--अलं विवादेन,-कू० 5 / 83 एतयोविवाद और भ्रान्तिजनक कप जब कि ब्रह्म या परमात्मा एव मे न रोचते-मालवि०१, एकाप्सरः प्राथितही वास्तविक रूप है; जैसे कि सांप, रस्सी का विवर्त योविवादः-रघु० 753 (ख) तर्क, तर्कना, चर्चा है, इसी प्रकार यह संसार उस पर ब्रह्म का विवर्त 2. वचन विरोध एष विवाद एव प्रत्याययति-श० है, यह भ्रान्ति या माया सत्य ज्ञान अथवा विद्या से 7 3. मुकदमेबाजी, कानूनी नालिश, कानूनी संघर्ष, ही दूर होती है, तु० भवभूति- विद्याकल्पेन मरुता सीमाविवादः, विवादपदम आदि, परिभाषा इस मेघानां भूयसामपि, ब्रह्मणीव विवर्तानां क्वापि प्रकार की गई है--ऋणादिदायकलहे द्वयोबहुतरस्य विप्रलयः कृतः----उत्तर०६६ 7. ढेर, समुच्चय, वा विवादो व्यवहारस्य, दे० 'व्यवहार' भी 4. उच्चसंग्रह, समवाय। सम० वावः वेदान्तियों का सिद्धांत कंदन, ध्वनन 5. आदेश, आज्ञा--रघु० 18143 / कि यह दृश्यमान संसार माया है केवल ब्रह्म ही एक सम०-अधिन् (पुं०) 1. मुकदमेबाज 2. वादी, वास्तविकता है। अभियोक्ता, प्राभियोक्ता,-पवम् कलह का शीर्षक, विवर्तनम् [वि+वृत्+ल्युट ] 1. चक्कर खाना, क्रान्ति, / -यस्तु (नपुं०) कलह का विषय, विचारणीय विषय / 120 For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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