________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 952 ) खुशामद / विलीन (भ० क. कृ०) [वि+ली+क्त] 1. चिपकने / पिलोपः [वि+लप+घा) 1. ले जाना, अपहरण करना, वाला, चिपटा हुआ, अनुषक्त 2. अड्डे पर बैठा हुआ, पकड़ना, लूटना 2. लोप, हानि, नाश, अदर्शन। बसा हुआ उतरा हुआ 3. संसक्त, संस्पर्शी 4. विलोपनम् (वि+लु+ल्युट्] 1. काट डालना 2. अपहरण पिघला हुआ, घुला हुआ, गलाया हुआ 5. अन्तहित, 3. नष्ट करना, विनाश / ओझल 6. मृत, नष्ट / विलोभः [वि+लभ+घञ] आकर्षण, फुसलाहट, विलुचनम् [वि+लुच् + ल्युट्] फाड़ डालना, छोलना। प्रलोभन / विलुंठनम् [वि+लुठ + ल्युट लूटना, डाका डालना। विलोभनम् [वि+लुभ+णिच+ ल्युट्] 1. मोह लेना, विलुप्त (भू० क० कृ०) [वि+लुप्+क्त 1. तोड़ा हुआ, | ललचाना 2. रिझाना, प्रलोभन, फुसलाना 3. प्रशंसा फाड़ा हुआ-पंच० 2 / 2 2. पकड़ा हुआ, छीना हुआ, अपहरण किया हुआ 3. लूटा हुआ, डाका डाला हुआ | विलोम (वि) (स्त्री०-मी) [विगतं लोम यत्र-प्रा० ब०] 4. विनष्ट, बर्बाद 5. बिगाड़ा हुआ, तोड़ा-फोड़ा हुआ। 1. व्युत्क्रान्त, प्रतिकूल, प्रतिलोम, विपरीत, विरुद्ध विलुपकः [वि.+लुप्+ण्वुल, मुम्] चोर, लुटेरा, अपहर्ता / 2. प्रतिकल क्रम में उत्पन्न 3. पिछड़ा हुआ, - मः विलुलित (भू.क. कृ.) [वि+-लुल+क्त] 1. इधर विपरीत कम, प्रतिलोम 2. कुत्ता 3. साँप 4. वरुण, उधर घूमने वाला, अस्थिर, हिला हुआ, लुढ़का हुआ, मम् रहट, कुएँ से पानी निकालने का यन्त्र / सम० --- थरथराता हुआ 2. क्रमररहित, क्रमशून्य गलित उत्पन्न -ज,-जात, वर्ण (वि०) प्रतिकूल क्रम में कुसुमदलविलुलितकेशा-गीत० 7 / उत्पन्न अर्थात् ऐसी माता से जन्म लेना जो पिता की विलून (भू० क. कृ.) [वि+ल+क्त] कटा हुआ, काट अपेक्षा उच्च वर्ण की हो-तू० प्रतिलोमक भी, डाला हुआ, चीरा हुआ, काट कर टुकड़े टुकड़े किया - क्रिया. --विषिः 1. प्रतिकूल कर्म 2. प्रतिलोम नियम हुआ। (गणि में), जिहः हाथी / विलेखनम् [वि+लिख्+णिच् + ल्युट] 1. खु | विलोकी [विलोम+ङीष आंवला / कुरेदना, गूडना 2. खोदना 3. उखाड़ना। विलोल (वि.) [विशेषेण लोल:-प्रा० स०] 1. दोलायमान, विलेपः [वि+लिप्+घा] 1. उबटन, मल्हम 2. चूना / कांपता हुआ, थरथर करने वाला, अस्थिर, डोलने ___3. लिपाई-पुताई। वाला, चंचल, इधर उधर लढकने वाला पृषतीषु विलेपनम् [वि+लिप् + ल्युट 1 लीपना, पोतना 2. विलोलमीक्षितम् रघु० 8 / 59, शि० 88 15 / 62, मल्हम, उबटन, कोई भी शरीर पर लेप करने के 20142, वेणी० 2 / 28, रघु० 741, 16 / 68 योग्य सुगन्धित पदार्थ (केसर व चन्दन आदि) / 2. ढीला, विपर्यस्त, बिखरे हए (बाल आदि)-- .-यान्यव सुरभिकुसुमधूपविलेपनादीनि का। उत्तर० 3 / 4 / विलेपनी [विलेपन+डीप्] 1. सुगन्धित द्रव्यों से सुवासित | बिलोहितः [विशेषेण लोहितः प्रा० स०] रुद्र का नाम / स्त्री 2. सुवेशा 3. चावल का मांड। बिल्ल दे० 'बिल्ल'। बिलेपिका, विलेपी, विलेप्यः [विलेपी-कन्+टाप, ह्रस्वः, विल्य दे० 'बिल्व' / विलेप-Fङीष, वि-लिप्र ण्यत् चावल का मांड / विवक्षा विच--सनअ+टाप] 1. बोलने की इच्छा विलोकनम् [वि+लोक् + ल्युट्] 1. देखना, निहारना, 2. अभिलाषा, इच्छा 3. अर्थ, आशय 4, इरादा, दृष्टि डालना कि० 5 / 16 2. दृष्टि, निरीक्षण | टि निरीक्षण प्रयोजन / -शि० श२९। विवक्षित (वि०) [विवक्षा+इतच] 1. कहे जाने या बोले विलोकित (भू० क० कृ०) [वि+लोक+क्त] 1. देखा जाने के लिए अभिप्रेत-विवक्षितं नुक्तमनुतापजन गया, निरीक्षण किया गया, समीक्षित, निहारा गया यति- श० 3 2. अर्थयक्त, अभिप्रेत, उद्दिष्ट 2. परीक्षित, चिन्तन किया गया,-तम् दृष्टि, नजर 3. अभिलषित इच्छित 4. प्रिय, -तम 1. प्रयोजन, -श० 2 / 3 / अभिप्राय 2. आशय, अर्थ। विलोचनम् [वि+-लोच् + ल्युट्] आँख रघु० 718, कु० | विवक्षु (वि.)[वच्+सन+उ] बोलने की इच्छा वाला,-- 411, 367 / सम० अम्बु (नपुं०) आँसू / कु० 5 / 83 / विलोडनम् [वि+लोड् + ल्युट्] विक्षुब्ध होना, दोलायमान विवत्सा [विगतः वत्सो यस्याः प्रा० ब०] बिना बछड़े होना, हिल-जुल, मन्थन करना -शि० 14183 / की गाय। विलोडित (भू० क. कृ०) [वि+लोड़+क्त] डुलाया विवषः [विवधो विगतो वा वधः हननं गतिर्वा यत्र प्रा० हा, बिलोया हुआ, हिलाया हुआ, विक्षुब्ध, -तम् | ब०] 1. बोझा ढोने के लिए जूआ 2. मार्ग, सड़क बिलोया हुआ दूध / 3. बोझा, भार 4. अनाज का संग्रह 5. घड़ा। For Private and Personal Use Only